सिखों व पंथक मुद्दों में केजरीवाल पर सवाल, मनजिंदर ने घेरा

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अब पंजाब में विरोधी दलों ने पंथक व सिख मामलों में उनकी नीति पर सवाल उठाए हैं। अकाली दल ने उनकी कार्यप्रणाली पर हमला किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 29 Jun 2016 10:14 AM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2016 10:50 AM (IST)
सिखों व पंथक मुद्दों में केजरीवाल पर सवाल, मनजिंदर ने घेरा

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब और सिखों के प्रति अपनाई गई रणनीति व मुद्दों सहित पंथक मामले पर रुख से भी सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव और पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के सलाहकार मनजिंदर सिंह सिरसा ने अरविंद केजरीवाल की नीति को पंजाब और सिख विरोधी बताया है। उन्होंने केजरीवाल की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए।

उनका कहना है कि केजरीवाल पंजाब के लोगों को गुमराह करके उनकी भावनाओं से खेलने की साजिश रच रहे हैं। इनसे अब पर्दा उठने लगा है। मनजिंदर सिंह का कहना है कि केजरीवाल का सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर पंजाब विरोधी स्टैंड लेना, श्री अकाल तख्त साहिब के हुक्म के अनुसार सिख पंथ से निष्कासित किए गए निरंकारियों के दरबार में जाकर उनके प्रमुख का गुणगान करना उनकी असलियत को उजागर करता है।

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उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पंजाबी भाषा को जरूरी विषयों की श्रेणी से निकाल कर चुनिंदा विषयों की सूची में शामिल करना, शहीद भगत सिंह का पगड़ी वाला बुत लगाने से इन्कार करना, बाबा बंदा सिंह बहादुर का दिल्ली में शहादत स्मारक बनाने के लिए उपयुक्त जगह न देना, दिल्ली के श्री शीशगंज साहिब गुरुद्वारा चौक के शहीदी स्मारकों को तोडऩे का प्रस्ताव पास करना भी उनकी नीतियों की कलई खोलता है।

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उन्होंने कहा कि आप नेताओं ने बार-बार पंजाब विरोधी स्टैंड लिया है। केजरीवाल सिखों के हमदर्द नहीं, बल्कि पंजाबियों के जज्बाती स्वभाव का फायदा उठा कर पजाब की सत्ता हासिल करना चाहते हैं। उनके इस रवैये से सिखों में निराशा छाने लगी है।

सिरसा के अनुसार, राज्य के आम लोगों और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि कांग्रेस समेत पंजाब के सभी राजनीतिक धड़ों के लिए यह जरूरी है कि जिस भी पार्टी या नेता को पंजाब के लोगों का नेतृत्व करना है, उसकी शख्सियत में पंथक जज्बे की झलक आना जरूरी है। पंथक मुद्दों के साथ सिखों की भावनाओं को समझने में केजरीवाल विफल रहे हैं। सोशल मीडिया, राजनीतिक कांफेंस, मीडिया समेत बुद्धिजीवी लोगों में पंथक मुद्दों की बहस का मामला चर्चा का विषय है।

नशे का मुद्दा बदनाम करने की साजिश

मनजिंदर सिंह ने कहा कि केजरीवाल की यूपी से आई टीम ने पंजाब में राजनीतिक पैंतरे अपनाते हुए ज्वलंत मुद्दों को छोड़ कर केवल नशे की राजनीति पर अपने आप को केंद्रित करने की कोशिश की। इसका दायरा लगातार सिकुड़ता जा रहा है। नशे के मुद्दे पर राजनीतिक विरोधियों ने शिरोमणि अकाली दल को घेरने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन यह मुद्दा भी उलटा पडऩे लगा है।

सिरसा ले कहा कि हर पंजाबी महसूस करने लगा है कि पंजाब को नशे के लिए जितना बदनाम किया जा रहा है, वास्तविक स्थिति इतनी गंभीर नहीं है। यह मुद्दा भी साजिश के तहत पंजाब को बदनाम करने के लिए ही उठाया गया है।

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