टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा बनेंगे एथलीट्स के रोल मॉडल

टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने मेडल जीतकर देश को लंबे अरसे बाद गोल्ड दिलाया है। उनकी इस उपलब्धि से पूरे देश में खुशी का माहौल है। देश को नीरज चोपड़ा के तौर पर एथलीट्स को रोल मॉडल मिलेगा। वहीं खिलाड़ियों में इस जीत का खासा उत्साह है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 11:27 AM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 11:27 AM (IST)
टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा बनेंगे एथलीट्स के रोल मॉडल
भारतीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा। फाइल फोटो

विकास शर्मा, चंडीगढ़। फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह अकसर कहते थे कि अगर रोम ओलंपिक में मैं मेडल जीत जाता तो आज देश में जमैका की तरह हर घर से एथलीट्स निकलते। मैं रोम में मेडल जीतने से नहीं चूका, बल्कि मैं इस देश को रोल मॉडल और सपने देने से चूक गया था। पीटी ऊषा और श्रीराम सिंह जैसे एथलीट भी मेडल जीतने से चूक गए, जिनसे देश को खासी उम्मीदें थी। अगर हम मेडल जीत गए होते तो एथलेटिक्स गेम्स के प्रति भी युवाओं में वही आकर्षण होता जो ध्यानचंद के समय हॉकी का और वर्ष 1983 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने के बाद क्रिकेट का था। यकीनन अब देश को नीरज चोपड़ा के तौर पर एथलीट्स को रोल मॉडल मिलेगा। वहीं खिलाड़ियों में इस जीत का खासा उत्साह है।

मिल्खा सिंह ने रोम ओलंपिक से पहले उन्होंने दुनिया भर में 80 दौड़ों में हिस्सा लिया था, इनमें उन्होंने 77 दौड़ें जीतीं थी। जो एक रिकार्ड बन गया था। सारी दुनिया ये उम्मीदें लगा रही थी कि रोम ओलंपिक में 400 मीटर की दौड़ मिल्खा ही जीतेगा। एक गलती की वजह से वह मेडल से चूक गए। मिल्खा सिंह ने कहा था कि मैं इतने सालों से इंतजार कर रहा हूं कि कोई दूसरा इंडियन वो कारनामा कर दिखाए, जिसे करते-करते मैं चूक गया था। मिल्खा सिंह के 60 साल का इंतजार शनिवार को उस समय खत्म गया, जब नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर जैवलिन थ्रो कर प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया।

इससे पहले अभिनव बिंद्रा ने जीता था गोल्ड मेडल

ओलिंपिक की  इंडविजुअल गेम्स में अभी तक दो ही खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले बीजिंग ओलंपिक -2008 की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में शूटर अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीता था। ओलिंपिक खेलों में 13 साल बाद पहला नीरज चोपड़ा ने देश के लिए दूसरा व एथलेटिक्स गेम्म में पहला गोल्ड मेडल जीता है। बता दें ओलिंपिक में खेलते हुए भारत ने सबसे ज्यादा हॉकी में 8 गोल्ड मेडल जीते हैं।

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