इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के बावजूद क्षतिग्रस्त हुए वाहन का नहीं दिया क्लेम, अब देना होगा हर्जाना Chandigarh News

वाहन काे जब मैकेनिक को दिखाया गया तो उसने पांच लाख की रकम से 75 प्रतिशत ज्यादा खर्च बताया। जब प्रमोद ने कंपनी से क्लेम की मांग की तो कंपनी ने देने से मना कर दिया।

By Sat PaulEdited By: Publish:Tue, 10 Sep 2019 11:20 AM (IST) Updated:Tue, 10 Sep 2019 11:20 AM (IST)
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इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के बावजूद क्षतिग्रस्त हुए वाहन का नहीं दिया क्लेम, अब देना होगा हर्जाना Chandigarh News

चंडीगढ़, [राजन सैनी]। सेक्टर-34 स्थित नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर एक्सीडेंट में क्षतिग्रस्त हुए वाहन का क्लेम नहीं देना कंपनी को महंगा पड़ गया। पंचकूला निवासी प्रमोद कुमार ने उक्त कंपनी से अपने वाहन का इंश्योंरेंस करवाया था। यह इंश्योंरेंस 30 अप्रैल, 2017 से 29 अप्रैल, 2018 तक के लिए था। इंश्योंरेंस पॉलिसी के नियमों के मुताबिक, अगर वाहन का एक्सीडेंट होता है तो उसे क्लेम के मुताबिक पांच लाख रुपये तक की रकम देनी थी। 11 फरवरी , 2018 को इंश्योरड वाहन का एक्सीडेंट हो जाता है और उक्त कंपनी काे इसके बारे में बता दिया जाता है।

वाहन काे जब मैकेनिक को दिखाया गया तो उसने पांच लाख की रकम से 75 प्रतिशत ज्यादा खर्च बताया। जब प्रमोद ने कंपनी से क्लेम की मांग की तो कंपनी ने देने से मना कर दिया। इसके बाद परेशान होकर प्रमोद ने कंज्यूमर फोरम में इसकी शिकायत दी। वहीं दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अब कंज्यूमर फोरम ने इंश्योंरेंस के पांच लाख रुपये नौ प्रतिशत बयाज के साथ देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही प्रमोद को इस दौरान हुई परेशानी के लिए दस हजार रुपये मुआवजा राशि और सात हजार रुपये केस खर्च देने का भी आदेश दिया है।

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