Chandigarh MC House Meeting: बैठक में कांग्रेस पार्षदों का जबरदस्त हंगामा, पानी के बिल फाड़े

Chandigarh MC House Meeting नगर निगम की सदन की बैठक शुरू होने से पहले ही जमकर हंगामा शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्षदों ने हंगामा ने बढे़ हुए पानी के बिल फाड़ कर अपना विरोध जताया। वहीं भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 11:35 AM (IST) Updated:Thu, 15 Jul 2021 11:49 AM (IST)
Chandigarh MC House Meeting: बैठक में कांग्रेस पार्षदों का जबरदस्त हंगामा, पानी के बिल फाड़े
सदन की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्षदों ने फाड़े पानी के बिल।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Chandigarh MC House Meeting: चंडीगढ़ नगर निगम की सदन की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्टी के पार्षदों ने हंगामा किया है। कांग्रेसी पार्षदों ने बढे़ हुए पानी के बिल फाड़ कर अपना विरोध जाहिर किया। कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि प्रशासक की ओर से बढे़ हुए पानी के बिल पर रोक लगाई गई है। बावजूद शहरवासियों को जो बिल आ रहे हैं वह बड़े हुए रेट के हिसाब से आ रहे हैं। बता दें कि यह बैठक विशेष तौर पर नए गारबेज प्लांट को लेकर बुलाई गई थी, लेकिन अब यह हंगामे की भेंट चढ़ गई है।

नगर निगम मेयर रविकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेसी पार्षद ड्रामा कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को शहर के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। जिन दिनों की जानकारी कांग्रेस के पार्षद दे रहे हैं वह मई के पहले के बिल हैं। ऐसे में लोग परेशान हैं। बता दें कि प्रशासन की ओर से अगले साल मार्च माह तक बढ़े हुए पानी के बिल पर रोक लगाई गई है। लोगों को जो पानी बिल आ रहे हैं वह मई माह के पहले के हैं। वहीं प्रशासन की ओर से नगर निगम को 90 करोड रुपये की ग्रांट देने से भी मनाकर दिया गया है। यह 90 करोड़ की राशि नगर निगम ने प्रशासन से मांगी थी। नगर निगम का दावा है कि मई से लेकर अगले साल मार्च माह तक पानी के पुराने रेट लागू होने से 90 करोड़ रुपये का घाटा होगा। प्रशासन ने बढे़ हुए पानी के बिल पर रोक लगाई है। ऐसे में यह राशि प्रशासन को ही देनी चाहिए। वहीं अब यह राशि नगर निगम की ओर से यह खर्च की जाएगी, जिससे शहर के विकास पर खर्च होने वाली राशि नगर निगम के पास नहीं बचेगी। सदन की बैठक में कांग्रेस का विरोध जारी है जबकि भाजपा पार्षदों का कहना है कि कांग्रेस हमेशा ही राजनीति करती है और इस समय भी वह राजनीति कर रही है।

कमिश्नर केके यादव ने कहा कि जो इस समय पानी के बिल आ रहे हैं वह 24 मई से पहले के हैं। जो अगले बिल आएंगे वह पुरानी दरों के आएंगे। कांग्रेस के पार्षदों ने जो बिल फाड़े हैं वह कागज सदन में बिखरे पड़े हैं।

बैठक में पूर्व मेयर आशा जसवाल ने कांग्रेस पार्षद दल के नेता दविंदर सिंह बबला को आठ हजार रुपये का चेक देने का भी प्रयास किया। मालूम हो कि साल 2017 में वह पार्षदों के साथ दिल्ली गए थे उस समय एनजीटी में जेपी कंपनी के खिलाफ सुनवाई थी और उन्होंने आठ हजार रुपये का कॉफी का बिल बबला ने दिया था। बबला ने यह कहा था कि वह बिल की राशि अभी तक नगर निगम ने नहीं दी है। आशा जसवाल ने चेक देते हुए कहा कि साल 2017 में उस समय वह मेयर थीं, लेकिन बबला ने कहा कि उन्होंने यह बिल नगर निगम से मांगा था न कि आशा जसवाल से। इसके बाद बबला ने चेक भी फाड़ दिया। इस पर मेयर रविकांत शर्मा ने कहा कि सरकारी करेंसी को फाड़ना अपराध है। उन्होंने कहा कि जब तक नगर निगम में भाजपा का मेयर है तब तक पैसे की कमी नहीं होने देंगे। सदन की बैठक में जमकर हंगामा हो रहा है। मेयर रविकांत शर्मा ने सदन में कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला को कहा कि वह सबसे निकम्मे पार्षद हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्षदों अगर सदन की बैठक छोड़कर जाना चाहते हैं तो वह जा सकते हैं।

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