सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने को लेकर उलझन में हाईकमान, बिना कैप्‍टन की सहमति के नहीं होगा ऐलान

Punjab Congress पंजाब कांग्रेस की उलझन अभी सुलझती नहीं दिख रही है। नवजाेत सिंह सिद्धू काे पंजाब कांग्रेस का अध्‍यक्ष बनाने की घोषणा को लेकर पार्टी हाईकमान अभी उलझन में है। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इसका विरोध किया है और अब उनकी सहमति के बाद ही ऐलान किया जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 10:31 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 07:30 AM (IST)
सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने को लेकर उलझन में हाईकमान, बिना कैप्‍टन की सहमति के नहीं होगा ऐलान
कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी, पंजाब सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो।

चंडीगढ़ , [कैलाश नाथ]। नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपने को लेकर कांग्रेस हाईकमान में उलझन बरकरार है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कई वरिष्ठ नेताओं द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह संदेश दिया कि यह सही फैसला नहीं है। वरिष्ठ नेताओं की आपत्ति के बाद सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रभारी हरीश रावत को 10 जनपथ बुला लिया। इस बैठक के उपरांत हरीश रावत ने स्पष्ट किया कि उन्होंने नवजोत सिद्धू प्रदेश प्रधान बनाने की बात नहीं कही थी।

बता दें कि सुबह से ही हरीश रावत के हवाले से खबरें चल रही थी कि नवजोत सिंह सिद्धू ही पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे। जबकि सोनिया गांधी से मुलाकात के उपरांत रावत ने स्पष्ट किया कि मैंने यह नहीं कहा कि सिद्धू ही अध्यक्ष होंगे। मुझ से पत्रकारों से पूछा कि सिद्धू प्रधान होंगे तो मैंने कहा कि इसी के इर्दगिर्द हो सकता है। सिद्धू का नाम मैंने नहीं लिया।

चर्चा है कि रावत के सिद्धू होंगे पंजाब कांग्रेस के प्रधान के बयान के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी से बात कर आपत्ति जताई। वहीं, प्रताप सिंह बाजवा ने भी इस फैसले को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई। इस फैसले के विरोध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ और पूर्व कैबिनेट मंत्री अश्वनी कुमार ने आपत्ति उठाई। पार्टी के अंदर उठ रही आवाज को देखते हुए सोनिया गांधी ने हरीश रावत को तलब किया।

वहीं, चर्चा यह भी रही कि कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की बात कही। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने स्पष्ट किया कि कैप्टन ने न तो इस्तीफा दिया है और न ही इस्तीफा देने की पेशकश की। उन्होंने इन सारी चर्चाओं को खारिज कर दिया। वहीं, देर शाम मुख्यमंत्री ने करीब आधा दर्जन विधायकों व सांसद से मुलाकात की। हालांकि यह बैठकें पूर्व निर्धारित बताई जा रही है। जबकि वीरवार सुबह कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा और अरुणा चौधरी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।  सांसद में जसबीर सिंह डिंपा, गुरजीत औजला और विधायकों में रमिंदर आंवला, फतेहजंग बाजवा आदि शामिल थे।

हरीश रावत पार्टी हाईकमान का संदेश देने के लिए मिलेंगे कैप्टन से

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश प्रधान की कमान सौंपने के फैसले के बावजूद कांग्रेस हाईकमान ने अभी इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने संकेत दिए थे सिद्धू को ही कमान सौंपी जा सकती है। अधिकारिक घोषणा से पहले पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को विश्वास में लेना चाहती है। यही कारण है कि घोषणा से पहले रावत मुख्यमंत्री के साथ बैठक करेंगे। वह पार्टी के फैसले से पहले कैप्टन को अवगत करवाएंगे। उसके बाद ही कांग्रेस कोई अधिकारिक घोषणा करेगी।

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देर शाम को हरीश रावत के साथ मुलाकात की और पंजाब में हो रही गतिविधियों पर चर्चा की। माना जा रहा है कि रावत शुक्रवार को कैप्टन से मुलाकात कर सकते है। पार्टी हाईकमान इसलिए भी सिद्धू के नाम की घोषणा से पहले कैप्टन को विश्वास में लेना चाहती है ताकि जब नए प्रधान अपना पदभार संभाले तो कहीं, मुख्यमंत्री इसका विरोध न कर दें। 

सिद्धू का पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाने की चर्चा से प्रताप सिंह बाजवा निराश

पार्टी को इस बात का भी भय सता रहा है कि सिद्धू को कमान सौंपने के बाद कांग्रेस के एक बड़े वर्ग में कड़ी प्रतिक्रिया हो सकती है। वहीं, सबकी नजर प्रताप सिंह बाजवा पर टिकी हुई है। पार्टी के इस फैसले से बाजवा सबसे ज्यादा निराश बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार बाजवा को पार्टी मैनीफैस्टो कमेटी का चेयरमैन बनाना चाहती है। लेकिन बाजवा इस जिम्मेदारी से खुश नहीं है।

जानकारी के अनुसार सिद्धू को प्रधान तो कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनाव कंपेन कमेटी का चेयरमैन लगाया जा रहा है। जबकि शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला को हिंदू कोटे से और जालंधर के सांसद चौधरी संतोख सिंह को दलित कोटे से वर्किंग प्रधान लगाया जा सकता है। इन दिनों को पार्टी इसलिए भी वर्किंग प्रधान लगाना चाहती है ताकि हिंदू और दलित वर्ग को न सिर्फ प्रतिनिधित्व दिया जा सके। वहीं, कैप्टन के साथ भी संतुलन बैठाया जा सके। सिंगला और चौधरी कैप्टन के करीबी है। ऐसे में कैप्टन को यह संतोष रहे कि सिद्धू अगर प्रधान बने तो उनके कोटे से दो वर्किंग प्रधान बनाए गए। ताकि भविष्य में वह सिद्धू के लिए परेशानी न खड़ा कर सकें।

जानकारी के अनुसार पार्टी हाईकमान ने इन नामों की घोषणा से पहले कैप्टन को विश्वास में लेने का फैसला किया है। आमतौर पर कांग्रेस की यह रीति नहीं है चूंकि सिद्धू को प्रधान बनाने का कैप्टन ने विरोध किया था और वह पार्टी के कद्दावर नेता है। इसलिए पार्टी कैप्टन को पहले विश्वास में लेगी उसके बाद ही अधिकारिक रूप से नई कमेटी की घोषणा करेगी।

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