पठानकोट में फर्श पर डिलीवरी मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने 4 अक्टूबर तक मांगी रिपोर्ट

पठानकोट में फर्श पर महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने 4 अक्टूबर तक जांच रिपोर्ट तलब की है। मामले की जांच के लिए सरकार द्वारा चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 02 Oct 2022 07:50 PM (IST) Updated:Sun, 02 Oct 2022 07:50 PM (IST)
पठानकोट में फर्श पर डिलीवरी मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने 4 अक्टूबर तक मांगी रिपोर्ट
चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने पठाननकोट मामले पर 4 तक मांगी रिपोर्ट।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पठानकोट के सिविल अस्पताल में फर्श पर डिलीवरी की घटना के मामले में अब स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने 4 अक्टूबर तक रिपोर्ट तलब कर ली है। बता दें, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने जिला परिवार भलाई अफसर डा. राज कुमार, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. वंदना कुंडल, गायनीकोलाजिस्ट डा. हरनवनीत, सीनियर मेडिकल अफसर डा. बिंदु गुप्ता की चार सदस्यीय समिति का गठन मामले की जांच के लिए किया था। अब कमेटी को 4 अक्टूबर तक अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया हैं।

इंटरनेट मीडिया पर इस घटना को लेकर राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं, इस घटना को लेकर दिए गए बयान को लेकर स्वास्थ्य मंत्री विवादों में घिर गए थे। पठानकोट में सिविल अस्पताल के फर्श पर बच्चे को जन्म देने के मामले में सेहत मंत्री ने वीडियो बनाने वाले पर ही सवाल उठाए थे।

जौड़ामाजरा ने कहा था कि इस घटना का वीडियो बनाने वाला जांच के दायरे में है और जांच की जाएगी। मंत्री ने कहा कि यह जो कुछ भी हुआ वह सुनियोजित लग रहा है। इस तरह से वीडियो नहीं बनाए जानी चाहिए थी। मंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष ने उन्हें निशाने पर ले लिया था। कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने ट्वीट कर कहा कि महिला को इंसाफ दिलवाने के बजाय मंत्री जौड़माजरा गलत बयानबाजी कर रहे हैं।

वहीं, स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि जो सरकारी कर्मचारी सेवा करते समय लापरवाही या लापरवाही करते हैं, उनके लिए सेवा नियमों अनुसार सजा की व्यवस्था पहले ही है। किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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