सरकारी मकानों में रहने वाले लोगों के बड़ी राहत, अब मुरम्मत होगी अासान Chandigarh News
ई-आवास प्रोग्राम के जरिये कोई भी कर्मी अपने सरकारी मकान से जुड़ी शिकायत को दर्ज करवा सकता है। यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो शिकायत सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय पहुंच जाएगी।
चंडीगढ़, [दयानंद शर्मा]। शहर के सरकारी मकानों में रहने वालों लोगों के लिए राहत की खबर है। अब उनको अपने मकान की मरम्मत के लिए प्रशासन के कर्मचारियों व अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर नही काटने पड़ेंगे। शहर के बदहाल सरकारी मकानों की मरम्मत और रखरखाव के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने ई-आवास प्रोग्राम शुरू की है। यह जानकारी चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को दी।
प्रशासन ने अदालत को बताया कि ई-आवास प्रोग्राम के जरिये कोई भी कर्मी अपने सरकारी मकान से जुड़ी किसी भी शिकायत को दर्ज करवा सकता है। इसके बाद भी यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो शिकायत सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास पहुंच जाएगी और मामले में कार्रवाई भी होगी। ऐसी शिकायत पर कार्रवाई न करने वाले कर्मचारी के खिलाफ तुरंत एक्शन होगा।
एनआइटीटीटीआर ने शुरू किया सर्वे
शहर में कर्मचारियों के लिए मकानों की कमी को दूर करने के लिए यूटी प्रशासन ने एक मंजिला सरकारी मकान जो खस्ता हाल हो चुके हैं, उतनी जगह पर अधिक मकान बनाने की संभावना पर भी काम कर रहा है। ताकि जहां पहले एक जगह पर एक मकान था, उस जगह कई मकान बन सकें। चंडीगढ़ प्रशासन ने इसके लिए इन मकान का सर्वे का काम नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआइटीटीटीआर) सेक्टर-26 को सौंपा है। उनके द्वारा सर्वे शुरू कर दिया गया है। हाईकोर्ट को बताया गया कि ऐसे 1300 मकानों की पहचान कर ली गई है, जिनका सर्वे किया जा रहा है।
खस्ताहाल मकानों की जांच के लिए एनआइटीटीटी से हो रही बात
इससे पहले हाईकोर्ट को बताया गया था कि सेक्टर-22 के 752 एक मंजिला खस्ताहाल हो चुके मकानों को ढहाए जाने के लिए इनके ढांचे की स्टेबिलिटी की जांच के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पैक) से बात की गई थी। पैक ने प्रत्येक मकान की जांच के लिए 10 हजार का खर्च बताया था। इस लिहाज से यह राशि 72 लाख 20 हजार रुपये बनती है, जो कही ज्यादा है। अब इसी काम के लिए एनआइटीटीटी से भी बात की गई है।
मनीमाजरा के श्मशानघाट को टेक ओवर किए जाने की प्रकिया शुरू
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया कि कोर्ट ने आदेशों के तहत मनीमाजरा के शमशान घाट को टेक ओवर किए जाने की प्रकिया शुरू की जा चुकी है। साथ ही हाई कोर्ट ने इस श्मशानघाट के बाहर के एरिया को ब्यूटिफाई किए जाने के समय-समय पर जो आदेश दिए हैं, उन पर भी निगम और प्रशासन गौर कर रहा है। पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने कहा था कि बेहतर होगा कि इस श्मशानघाट के बाहर के पूरे एरिया को बेहतर लैंडस्केपिंग कर एक सुंदर गार्डन के तौर पर विकसित बनाया जाए, पेवर ब्लॉक्स लगाए जाएं और पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाये, ताकि यह पूरा एरिया अंदर और बाहर दोनों जगहों से सुंदर लगे। इसके साथ ही हाउसिंग बोर्ड चौक से लेकर कालका-शिमला जाने वाली सड़क पर पेड़ लगाए जाने पर गौर करने को कहा गया था।
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