महंगाई की मारः चंडीगढ़ में अब गारबेज कलेक्शन चार्जेस का बढ़कर करना होगा भुगतान, जानिए क्या है नियम

इस समय शहर में सूखा और गीला कचरा इकट्ठा करने के लिए 399 गाड़ियां लगाई हुई है। नगर निगम ने गारबेज कलेक्शन चार्जेस की अधिसूचना साल 2019 में 18 मार्च को जारी की थी। ऐसे में अब हर कैटगरी के गारबेज कलेक्शन चार्जेस बढ़ गए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 16 May 2022 09:38 AM (IST) Updated:Mon, 16 May 2022 09:38 AM (IST)
महंगाई की मारः चंडीगढ़ में अब गारबेज कलेक्शन चार्जेस का बढ़कर करना होगा भुगतान, जानिए क्या है नियम
चंडीगड़ में गारबेज कलेक्शन के चार्जेस बढ़ गए हैं। (सांकेतिक)

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। अब शहरवासियों को डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन चार्जेस का भुगतान बढ़कर करना होगा। अब जो अगला पानी का बिल आएगा उसमेॆ गारबेज कलेक्शन चार्जेस 5 फीसद बढ़कर आएगा, जबकि कई एरिया में शुल्क बढ़कर आना भी शुरू हो गया है। अधिसूचना के अनुसार हर साल यह शुल्क 5 फीसद बढ़ जाएगा। नगर निगम की ओर से इस समय शहर में सूखा और गीला कचरा इकट्ठा करने के लिए 399 गाड़ियां लगाई हुई है।

नगर निगम ने गारबेज कलेक्शन चार्जेस की अधिसूचना साल 2019 में 18 मार्च को जारी की थी। ऐसे में अब हर कैटगरी के गारबेज कलेक्शन चार्जेस बढ़ गए हैं। नगर निगम की ओर से रेजिडेंश्यल एरिया में किचन की संख्या के आधार पर कलेक्शन चार्जेस लिए जा रहे हैं। शहर में डेढ़ लाख इमारतें है जिनसे गारबेज कलेक्शन चार्जेस वसूल किया जाता है। अब यह नियम है कि अगर कोई अपने घर का कचरा नगर निगम के कर्मचारी को नहीं भी देता है तो भी उसे गारबेज कलेक्शन के चार्ज का भुगतान करना होगा। अब लोग खुद ही सूखा और गीला कचरा सेग्रीगेट करके नगर निगम की गाड़ियों में देते हैं।

20 मई को डोर टू डोर गारबेज कलेक्टर्स की कमिश्नर के साथ बैठक होनी है। इस बैठक में कलेक्टर्स अपनी मांगों से कमिश्नर को अवगत करवाएंगे। जबकि पहले से शहर में पानी और पार्किंग के रेट एक अप्रेल से बढ़ गए हैं। ईडब्लयूएस कालोनी के 22 हजार घरों पर प्रापर्टी टैक्स लगा दिया गया है। गांव की कामर्शियल प्रापर्टी पर भी टैक्स लगा दिया गया हैस जिसका शहर में पहले से विरोध हो रहा है। कांग्रेस महासचिव एचएस लक्की का कहना है कि पहले से लोग महंगाई से जूझ रहे है। लोगों को राहत देने की बजाए भाजपा शासित नगर निगम शहरवासियों पर नए नए टैक्स लगा रही है।

अभी तक यह शुल्क होता था चार्ज (प्रति किचन के अनुसार)

2 मरला से कम- 50 रुपये

2 से 10 मरला तक- 100

10 मरला से 1 कनाल तक- 200 रुपये

1 कनाल से 2 कनाल तक- 250 रुपये

2 कनाल से ज्यादा- 350 रुपये

स्ट्रीट वेंडर- 50 रुपये

ढाबा, मिठाई या कॉफी की दुकान (एससीओ/एससीएफ के अनुसार) - 200 से 800 रुपये

गेस्ट हाउस, धर्मशाला, भवन, होटल, 50 लोगों तक खाना खाने वाला स्थान- 2 हजार रुपये

50 लोगों से ज्यादा खाना खाने वाला स्थान, 3 स्टार होटल- 3 हजार रुपये

3 स्टार से ज्यादा वाला होटल- 5 हजार रुपये

व्यावसायिक ऑफिस, शैक्षणिक संस्थान, बैंक- 2 हजार रुपये

अस्पताल, क्लीनिक व लैब 50 बेड तक (नॉन बायोमेडिकल वेस्ट)- 1000 रुपये

अस्पताल, क्लीनिक व लैब 50 बेड से ज्यादा (नॉन बायोमेडिकल वेस्ट)- 2000 रुपये

छोटी इंडस्ट्री (हानिकारक कचरा न निकलता हो)- 1000 रुपये

गोदाम, कोल्ड स्टोर- 2 हजार रुपये

सामुदायिक केंद्र व शादी वाले स्थल- 1 हजार रुपये प्रति आयोजन

क्लब, सिनेमा हॉल, पब- 5 हजार रुपये

अन्य गतिविधियां- 1000 रुपये

गांवों में यह रेट किए जा रहे चार्ज

5 मरला से कम- 50 रुपये

किरायेदार हैं तो 50 रुपये प्रति मंजिल

5 मरले से एक मरले तक- 100 रुपये प्रति मंजिल

1 कनाल से ज्यादा- 200 रुपये प्रति मंजिल

सामान्य दुकानों से- 100 रुपये

खाने पीने की दुकानों से - 200 रुपये

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