सैनिकों के परिजन बोले देश में अब मिल रहा बहादुरी को सम्मान

गैलेंट्री अवार्ड पाने वाले सैनिकों को देश में आज जिस तरह से सम्मान मिल रहा है आज से 25-30 साल पहले तक ऐसा कुछ नहीं होता था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 02:26 AM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 02:26 AM (IST)
सैनिकों के परिजन बोले देश में अब मिल रहा बहादुरी को सम्मान
सैनिकों के परिजन बोले देश में अब मिल रहा बहादुरी को सम्मान

विकास शर्मा, चंडीगढ़

गैलेंट्री अवार्ड पाने वाले सैनिकों को देश में आज जिस तरह से सम्मान मिल रहा है, आज से 25-30 साल पहले तक ऐसा कुछ नहीं होता था। शहीद सैनिक देश के लिए अपनी जान दे देते थे, लेकिन बाद में उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट जाता। लेकिन उनके बारे में आज तरह सिक्योरिटी नहीं थी। यह कहना है मानसा जिले की रहने वाली अमरजीत कौर का। वेस्टर्न कमांड चंडीमंदिर में स्थित मानिक शाह ऑडियोरियम में आयोजित दो दिवसीय वार डेकोरेटेड इंडिया के कनवेशन सम्मान पाने के लिए अमरजीत कौर ने कुछ इसी लिहाज से अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि उनके पिता नायब सूबेदार नंद सिंह (वन पंजाब) को उनकी बहादुरी के लिए सेकेंड व‌र्ल्ड वार में विक्टोरिया क्रास मिला था। यह दुनिया का सबसे बड़ा बहादुरी पुरस्कार है, इसके बाद मेरे पिता ने साल 1947 में पाकिस्तान युद्ध में हिस्सा लिया और श्रीनगर में लड़ते हुए उन्हें वीरगति प्राप्त हुई थी। उसके बाद उनका जीवन काफी मुश्किलों में बीता। बावजूद उन्हें खुशी है कि आज देश में सैनिकों की बहादुरी का सम्मान होता है। सेना और सरकारें शहीद परिवारों की मदद बढ़चढ़ कर करते हैं। यह देश और सैनिक परिवारों के लिए अच्छा है।

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गैंलेट्री अवार्ड पाने वाले सैनिकों की दूसरी पीढ़ी ने लिया सम्मान

इस कनवेशन में विक्टोरिया क्रास से लेकर साल 1971 तक के युद्ध में गैंलेट्री अवार्ड पाने वाले सैनिक व उनके परिवारों को सम्मानित किया गया। ज्यादातर गैंलेट्री अवार्ड पाने वाले सैनिक या तो युद्ध में शहीद हो चुके थे, या फिर उनका देहांत हो चुका है, ऐसे में इन बहादुर सैनिकों की विधवाओं ने और दूसरी पीढ़ी ने यह सम्मान पाकर खुद को गौरवावित महसूस किया। इस दौरान विक्टोरिया क्रास पाने वाले सूबेदार सरूप सिंह और बदलू राम के परिजन भी मौजूद रहे। इसके अलावा परमवीर चक्र से विजेता कर्नल होशियार सिंह और परमवीर चक्र विजेता जोगिदर सिंह के परिवार के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। बॉक्स -

ब्रिगेडियर केएस चांदपूरी की डाक्यूमेंटरी फिल्म दिखाई

इस कार्यक्रम में स्वर्गीय ब्रिगेडियर केएस चांदपुरी (पंजाब रेजीमेंट) की एक डाक्यूमेंटरी फिल्म दिखाई गई, जिसमें लोंगेवाला पोस्ट में उनके शौर्य को दिखाया गया। सेना से रियार्टड होने के बाद बतौर पार्षद व खेल से जुड़े उनके योगदान को भी याद किया गया। वार डेकोरेटेड इंडिया की तरफ से दिए गए सम्मान को उनकी पत्नी व बेटे ने लिया। इसके अलावा स्वर्गीय ब्रिगेडियर एनएस सिधू(डोगरा), स्वर्गीय लेफ्टिनेंट जनरल गौरी शंकर, स्वर्गीय लेफ्टिनेंट वेद प्रकाश त्रेहान, स्वर्गीय सिपाही अनुसुया प्रसाद और मोहम्मद इस्माइल समेत कई वीर चक्र प्राप्त सैनिक परिवारों को सम्मानित किया गया। बॉक्स -

देश में गैलेंट्री अवार्ड पाने वाले कुल 1557 सैनिक, 300 के करीब सैनिक ही जीवित

वार डेकोरेटेड इंडिया के प्रेसीडेंट लेफ्टिनेंट जीएस सिहोता ने बताया कि देश में कुल 1557 सैनिकों को गैलेंट्री अवार्ड मिला है। इसमें से केवल 300 गैलेंट्री अवार्ड पाने वाले सैनिक मौजूद हैं। वार डेकोरेटेड इंडिया की इस कनवेशन में 53 गैलेंट्री अवार्ड विनर, 28 वीर नारी(गैलेंट्री अवार्ड पाने वाले सैनिकों की विधवा) और 13 गैलेंट्री अवार्ड पाने वाले सैनिकों की दूसरी पीढ़ी के लोग पहुंचे थे। बॉक्स -

वीर सैनिक भावी पीढि़यों के लिए प्ररेणा- पीएन बाली

वार डेकोरेटेड इंडिया के कनवेशन में विशेष मेहमान के तौर पर पहुंचे पीएन बाली ने कहा कि गैलेट्री अवार्ड जीतने वाले सैनिक भारत माता के सपूत हैं। इन सैनिकों ने अपने शौर्य से जो गौरवगाथा का इतिहास लिखा है, वह युगों -युगों तक भारतीय सेना के लिए प्ररेणास्त्रोत रहेगा। उन्होंने इन वार डेकोरेटेड इंडिया और वहां मौजूद गैलेंट्री अवार्ड जीतने वाले सैनिकों को हर तरह से मदद लेने का भरोसा दिलाया।

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