बग्गा प्रकरण पर पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत की टिप्पणी, ऐसे मामलों से गिरता है पुलिस का मनोबल

पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत ने तजिंदर पाल सिंह बग्गा मामले में हुई पंजाब पुलिस की किरकिरी पर चिंता जताई है। कहा कि इससे कर्मचारियों का मनोबल टूटा है। कहा कि यह मामला आपसी तालमेल से निपटाया जा सकता था।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 07 May 2022 06:37 PM (IST) Updated:Sat, 07 May 2022 06:37 PM (IST)
बग्गा प्रकरण पर पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत की टिप्पणी,  ऐसे मामलों से गिरता है पुलिस का मनोबल
बग्गा मामले पर पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत ने की टिप्पणी। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत ने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर पाल सिंह बग्गा को गिरफ्तार करने गई मोहाली पुलिस टीम को जिस तरह से खाली हाथ लौटना पड़ा है और इस सारे घटनाक्रम में जिस तरह से पंजाब पुलिस की किरकिरी हुई है उसने पुलिस कर्मचारियों को मनोबल भी तोड़ा है।

उन्होंंने कहा कि यह बहुत ही छोटा सा मामला था और पूर्व पुलिस अफसरों का मानना है कि इसे आसानी के साथ तालमेल के जरिए निपटाया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सुखद बात यह रही कि यह किसी बड़े आतंकी को पकड़कर लाने का मामला नहीं था।

पूर्व डीजीपी शशिकांत का कहना है कि 1993 में भी पंजाब पुलिस पश्चिम बंगाल में एक आतंकी को पकड़ने गई थी, लेकिन वहां सारा मामला तालमेल के जरिए सुलझा लिया गया था। कल के घटनाक्रम में जिस तरह से पुलिस केे जवानों को थाने में बिठाए रखा और बाद में उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा, इससे पुलिस कर्मियों का निश्चित तौर पर मनोबल गिरा है।

एक सीनियर सर्विंग पुलिस अधीक्षक ने माना कि राजनीतिक गोल सेटल करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करना सही नहीं है। पुलिस कर्मियों ने कल को ऐसे आदेश मानने से मना कर दिया तो भी राजनीतिक नेताओं का अपमान होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब एक बार्डर स्टेट है और पुलिस को यहां पहले से ही गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

सीमापार से आने वाली ड्रग्स हमारे युवाओं को बर्बाद कर रही है। क्या पुलिस अब राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की आपसी लड़ाई निपटने में अपनी एनर्जी व्यर्थ करे। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी एक ट्वीट करते हुए कहा कि,तजिंदर बग्गा अलग पार्टी से हो सकते हैं, वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान से कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के लिए पंजाब पुलिस के माध्यम से व्यक्तिगत हिसाब चुकता करना सबसे बड़ा पाप है।

पंजाब पुलिस का राजनीतिकरण कर उसकी छवि खराब करना बंद करें। पुलिस की लगातार हो रही है किरकिरी पंजाब पुलिस की हुई किरकिरी का यह दूसरा मामला है। एक माह में पंजाब पुलिस के खिलाफ दिल्ली में दो एफआईआर दर्ज हो गई है। तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी के बाद बवाल इतना बढ़ा की तीन राज्यों की पुलिस आपस में उलझ गईं।

पंजाब पुलिस ने हरियाणा पुलिस पर आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस के डीएसपी के साथ बदसलूकी की। वहीं, हरियाणा पुलिस का कहना था कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें जानकारी दी थी कि बग्गा का अपहरण हुआ है। किसी भी सूरत में बग्गा हरियाणा से बाहर नहीं जाना चाहिए।

इससे पहले बीती 26 अप्रैल को अरविंदर केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान की दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पंजाब पुलिस ने एक पत्रकार के साथ बदसलूकी, धक्का मुक्की और मारपीट की थी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस आमने-सामने आ गई थी।

दिल्ली के कनाट प्लेस थाने में पंजाब पुलिस के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शिकायत एक वरिष्ठ पत्रकार की ओर से की गई थी जिस में कहा गया था कि वह एक निजी होटल में प्रेस काॅफ्रेंस अटेंड करने पहुंचे थे इस दौरान उन से न सिर्फ बदसलूकी की गई बल्कि धक्का-मुक्की भी की गई।

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