नई नीति से जगी इस पूर्व कप्तान की उम्मीद, शायद अब मिल जाएं 25 लाख इनाम
पंजाब सरकार की खेल नीति से अब तक घोषणा के बावजूद इनामी राशि से वंचित रहे खिलाडि़यों की उम्मीद जगी है। जूनियर भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे हरजीत सिंह की भी इसे आस जगी है।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। पंजाब सरकार की नई खेल नीति से ऐसे खिलाडियों की उम्मीद है, जिनको कई साल के इंतजार के बाद भी घोषित इनाम नहीं मिला। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं हरजीत सिंह। 2016 में जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल विजेता टीम इंडिया के कप्तान को उस समय की सरकार द्वारा घोषित की गई 25 लाख रुपये की इनामी राशि नहीं मिली थी। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की नई खेल नीति से हरजीत की उम्मीद जगी है।
2016 में गोल्ड मेडल विजेता जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के कप्तान हरजीत को नहीं मिली घोषित इनामी राशि
पंजाब विश्वविद्यालय में इंटर कॉलेज एथलेटिक्स स्पोट्र्स मीट को देखने पहुंचे हॉकी खिलाड़ी हरजीत सिंह ने बताया कि उन्हें भी इस खेल नीति से उम्मीद है। अब शायद राज्य सरकार उन्हें भी घोषित इनाम के 25 लाख
रूपये दे दे। गौरतलब है कि भारतीय अंडर 21 हॉकी टीम के कप्तान हरजीत सिंह कप्तान रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत की जूनियर हॉकी टीम ने 2016 में वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। उस समय की पंजाब सरकार ने हरजीत को इनाम के रूप में 25 लाख रुपये देेने का ऐलान किया था। लेकिन, उन्हें यह राशि अब तक नहीं मिली है।
सीनियर टीम में आने को लेकर कर रहे हैं तैयारी
हरजीत सिंह ने कहा कि वह इन दिनों इंडिया कैंप से बाहर चल रहे हैं, लेकिन उनकी तैयारी पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। पहले प्रशिक्षण शिविर में मिले अनुभव और उसके नियमों का पालन करते हुए वह अपनी तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल वह सुरजीत हॉकी अकादमी में अभ्यास कर रहे हैं। हरजीत ने कहा कि उनका फोकस सीनियर वर्ल्ड कप के लिए भारतीय सीनियर टीम के लिए अपनी दावेदारी पेश करना है। इसके साथ ही वह टोक्यो में 2020 में होने वाले ओलंपिक के लिए भी तैयारी कर रहे हैं।
अपने प्रशंसकों के साथ सेल्फी लेते हरजीत सिंह।
कई बार तकदीर तय करती है हार-जीत
हाल में भारतीय टीम की ओर से लीग मैच में बेहतर प्रदर्शन के बाद सेमीफाइनल मैच और फाइनल में हार जाने के सवाल के जवाब पर हरजीत सिंह ने कहा कि सेमीफाइनल में चार बेहतरीन टीमें आती हैं, ऐसे में हर टीम अपना बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करती है, प्रतियोगिता के नतीजे एक खिलाड़ी के हाथ में नहीं होते हैं। मैच
को जीतने के लिए एक खिलाड़ी व टीम के लिए बेहतर दिन होना जरूरी होता है, तैयारी सबकी होती है, लेकिन जीतती वही टीम है जिसका दिन बेहतर होता है।