जन सुझावों के आधार पर होगी ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर के विकल्प की तलाश Chandigarh News

ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर बनाया जाए या फिर इसका कोई दूसरा विकल्प हो सकता है इस पर कमेटी आमने सामने लोगों से बात करेगी।

By Edited By: Publish:Thu, 19 Dec 2019 06:48 PM (IST) Updated:Fri, 20 Dec 2019 02:27 PM (IST)
जन सुझावों के आधार पर होगी ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर के विकल्प की तलाश Chandigarh News
जन सुझावों के आधार पर होगी ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर के विकल्प की तलाश Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर बनाया जाए या फिर इसका कोई दूसरा विकल्प हो सकता है इस पर कमेटी आमने सामने लोगों से बात करेगी। एडवाइजर मनोज कुमार परिदा की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी 23 दिसंबर को यूटी गेस्ट हाउस में बैठेगी। अगर किसी के पास भी फ्लाईओवर से दूसरा कोई बेहतर विकल्प है तो वह यूटी गेस्ट हाउस आकर कमेटी के सामने अपनी प्रजंटेशन दे सकता है। बशर्ते लिखित में अपने आईडिया के बारे में डॉक्यूमेंट जमा कराना होगा।

सैकड़ों पेड़ भी कटने से बच जाएं और ट्रैफिक की समस्या हल हो जाए इसकी तलाश के लिए प्रशासन ने यह रास्ता निकाला है। फ्लाईओवर के रास्ते में करीब 700 पेड़ आ रहे हैं जिन्हें फ्लाईओवर की वजह से काटना पड़ेगा। साथ ही फ्लाईओवर का जो डिजाइन तैयार किया गया है वह भी अधूरा है। इससे ट्रैफिक जाम ट्रिब्यून चौक सेहल्लोमाजरा चौक शिफ्ट हो जाएगा। इन्हीं सवालों को देखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने फ्लाईओवर पर रोक लगाते हुए यूटी प्रशासन से जवाब मांगा था।

यूटी गेस्ट हाउस पहुंचकर दें सुझाव

फ्लाईओवर या कुछ ओर इस पर मंथन के लिए 23 दिसंबर को यूटी गेस्ट हाउस में कमेटी ने ओपन मंच बुलाया है। शाम चार बजे होने वाली इस मीटिंग में कमेटी एक एक कर लोगों के सुझाव और शिकायतें सुनेगी। उन्हीं लोगों को कमेटी के सामने प्रेजेंटेशन देने का मौका मिलेगा जिनको स्क्रीनिंग टीम मंजूरी देगी। बता दें कि गवर्नमेंट आर्किटेक्चर कॉलेज के पुराने और मौजूदा स्टूडेंट्स भी फ्लाईओवर का विकल्प इस कमेटी के सामने देंगे। वहीं पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज पेक और शहर की कई सामाजिक संस्थाएं भी फ्लाईओवर को शहर की जरूरत नहीं बता रहे हैं।

मास्टर प्लान में प्रावधान नहीं

चंडीगढ़ के मास्टर प्लान-2031 में फ्लाईओवर का प्रावधान नहीं किया गया है। क्रिएटर ली कार्बूजिए भी शहर की खूबसूरती को देखते हुए फ्लाईओवर के पक्ष में नहीं थे। इसी बात को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

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