चंडीगढ़ गर्ल्स पीजी में आग; रिया, पाक्षी और मुस्कान की अब स्मृति ही शेष

चंडीगढ़ में पीजी में बैटरी में विस्फोट केे कारण लगी आग में तीन छात्राओं की मौत हो गई। मरने वाली दो छात्राएं पंजाब की जबकि एक छात्रा हरियाणा की रहने वाली थी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 02:34 PM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 02:34 PM (IST)
चंडीगढ़ गर्ल्स पीजी में आग; रिया, पाक्षी और मुस्कान की अब स्मृति ही शेष
चंडीगढ़ गर्ल्स पीजी में आग; रिया, पाक्षी और मुस्कान की अब स्मृति ही शेष

जेएनएन, कपूरथला/कोटकपूरा/हिसार। चंडीगढ़ के सेक्टर-32 में पीजी में लैपटॉप की बैटरी में विस्फोट केे कारण लगी आग में तीन छात्राओं की मौत हो गई। मरने वाली दो छात्राएं पंजाब की, जबकि एक छात्रा हरियाणा की रहने वाली थी। छात्राओं के अभिभावकों ने उन्हें चंडीगढ़ उनके सपने पूरे करने के लिए भेजा था, लेकिन अचानक आई मनहूस खबर से उनके आंसू थम नहीं रहे।

कपूरथला के गुरुनानक नगर की रहने वाली रिया अरोड़ा छह माह पहले मोहाली में फ्रेंच सीखने के लिए दाखिला लिया था। उसकी मां कांता अरोड़ा उसे चंडीगढ़ में दाखिला दिलवाकर गई थी। रिया को 27 मार्च को उसको अपने मामा, भाइयों के साथ अपनी मां को मिलने के लिए यूरोप जाना था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।रिया के छोटे मामा राजेश अरोड़ा और उसके चचेरे भाई सुशांत अरोड़ा ने बताया कि उन्हें शाम सात बजे रिया की मां का यूरोप के पराग शहर से फोन आया कि रिया की पीजी में लगी आग से मौत हो गई है।

पांच साल पहले पिता की हो चुकी है मौत

रिया के पिता संदीप कुमार का पांच साल पहले स्वर्गवास हो गया था। बड़ी बहन प्रिया अरोड़ा लंदन में रहती है। फ्रेंच सीखने के बाद उसने भी अपनी मां के पास यूरोप जाना था। बड़े मामा राकेश कुमार ने बताया कि अगस्त 2019 को रिया का इंग्लैंड का वीजा लगा था। उसे बहुत जोर लगाया कि वह अपनी बहन के पास इंग्लैंड चली जाए लेकिन वह इंग्लैंड जाने का छोड़कर कनाडा जाने की जिद पर अड़ी रही। इसी जिद ने उसे चंडीगढ़ में फ्रेंच सीखने के लिए पहुंचा दिया। सन्नी ने बताया कि रिया का पैतृक घर नगर सुधार ट्रस्ट के सामने मसीत चौक पर है, जहां पर उसकी दादी रहती है।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

मौत की घर सुन न्यू गुरु नानक नगर ग्रोवर कालोनी में रिया के छोटे मामा राजेश अरोड़ा के घर लोग दुख जताने पहुंचे थे। सन्नी ने बताया कि 31 जनवरी को रिया का 18वां जन्मदिन था। उसने एक बेहद सुंदर केक की फोटो उसे भेजी थी। 27 मार्च को उसने, उसके पिता राजेश अरोड़ा, उसके चचेरे भाई तारक और रिया ने रूस टूर पर जाना था। जहां पर उसेे मिलने के लिए उसकी मम्मी कांता अरोड़ा ने आना था, लेकिन इससे पहले ही रिया दुनिया ही छोड़ गई। बड़ी मामी सविता और अन्य पारिवारिक सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। राजेश अरोड़ा, सन्नी और अन्य रिश्तेदार कार लेकर चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए थे। वहीं बेटी की मौत की सूचना पाकर मां कांता रानी भी पराग के एयरपोर्ट पर भारत आने के लिए पहुंच चुकी थी। वह सीधे चंडीगढ़ पहुंचेंगी।

सत्संग सुनने गई है मां, बेटी की मौत का पता नहीं

मां की लाडली पाक्षी की भी चंडीगढ़ में पीजी में आग लगने के बाद दम घुटने से मौत हो गई। कोटकपूरा के सट्टा बाजार निवासी पाक्षी ग्रोवर के व्यवसायी पिता नवदीप ग्रोवर को जैसे ही बेटी की मौत की दुखद सूचना मिली तो वह अवाक रह गए। बेटी को याद कर जार-जार रोने लगे। आसपास के लोगों को भी जब इस दुखद घटना का पता चला तो वह उन्हें हौसला देने पहुंच गए। इसके बाद नवदीप ग्रोवर रिश्तेदारों के साथ चंडीगढ़ रवाना हो गए।

पाक्षी ग्र्रोवर पढ़ाई में बहुत होशियार थी। पिछले साल फरीदकोट जिले में बारहवीं में कॉमर्स ग्रुप में वह टॉपर रही थी। डीएवी पब्लिक स्कूल में पढऩे वाली पाक्षी ने 97.6 फीसद अंक हासिल किए थे। बेटी की पढ़ाई में रुचि को देखते हुए पिता नवदीप ग्रोवर ने पाक्षी का दाखिला गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन चंडीगढ़ में करवाया था। इसके साथ ही वह कोचिंग भी ले रही थी। नवदीप का बेटा पहले ही कनाडा में है। पाक्षी चंडीगढ़ में ही पीजी में रहती थी। पाक्षी मां की लाडली थी। जब भी वह छुट्टियों में घर आती थी तो मां उसके लिए तरह-तरह के व्यंजन बनाती थी। पाक्षी का सपना सीए बनने का था। 

पापा पीजी में आग लगी है... थोड़ी देर में फोन होल्ड हुआ और उसके बाद हो गया डिस्कनेक्ट

पापा पीजी में आग लगी है, हम कमरे में फंस गए हैं, बहुत धुआं है यहां। पीजी में लगी आग के दौरान कमरे में फंसी हिसार निवासी 21 वर्षीय मुस्कान अपने पिता से फोन पर हुई बात में घबराहट और हड़बड़ाहट में इतना ही कह पाई। यह फोन उसने शनिवार शाम चार बजे के करीब किया था, जो मुस्कान की परिजनों से आखिरी बात थी। मुस्कान के पिता फोन पर बेटी की बात सुनकर बेबस हो गए और 250 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ में बेटी को बचाने के अपने छोटे भाई दिनेश को फोन किया।

मुस्कान का फोन आने पर चंडीगढ़ में रह रहे भाई को फोन कर संभालने के लिए कहा

मुस्कान की बात सुनकर उसके परिजनों के हाथ-पांव फूल गए और उसके पिता राजीव मेहता ने चंडीगढ़ में रह रहे अपने छोटे भाई दिनेश को फोन कर घटना की जानकारी दी और मुस्कान का पता करने के लिए कहा। इसके बाद चंडीगढ़ में दिनेश सेक्टर 32डी स्थित गल्र्स पीजी पहुंचे। लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही पुलिस वहां पहुंची हुई थी। जिस कमरे में मुस्कान दो अन्य लड़कियों के साथ थी, वह कमरा आग से घिरा हुआ था। मुस्कान और अन्य दो लड़कियों को डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद निकाला जा सका। लेकिन तब तक मुस्कान की मौत हो चुकी थी। दिनेश मेहता ने अपने भाई और मुस्कान के पिता राजीव मेहता को इस बात की जानकारी फोन पर दी। घटना की सूचना मिलने पर आदर्श नगर स्थित एडवोकेट राजीव मेहता के परिचित एकत्रित हुए।

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