मार्केट के बरामदों में सामान रखने पर लगेगा 4500 का जुर्माना

मार्केट में बरामदों के अंदर सामान रखने पर 4500 रुपये का जुर्माना लगेगा। नगर निगम की हाउस मीटिंग में जुर्माने को 500 रुपये से बढ़ाकर सीधे 4500 रुपये करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। अभी तक बरामदों में सामान रखा रहने पर 500 रुपये जुर्माना लगता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 07:55 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 07:55 PM (IST)
मार्केट के बरामदों में सामान रखने पर लगेगा 4500 का जुर्माना
मार्केट के बरामदों में सामान रखने पर लगेगा 4500 का जुर्माना

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मार्केट में बरामदों के अंदर सामान रखने पर 4500 रुपये का जुर्माना लगेगा। नगर निगम की हाउस मीटिंग में जुर्माने को 500 रुपये से बढ़ाकर सीधे 4500 रुपये करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। अभी तक बरामदों में सामान रखा रहने पर 500 रुपये जुर्माना लगता है। हाउस मीटिंग में आने से पहले ही इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है। चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने मेयर देवेश मौदगिल से मिलकर पेनल्टी नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2018 के तहत सभी पेनल्टी से मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन को छूट दिए जाने की अपील की है। प्रेसिडेंट अनिल वोहरा ने कहा कि यह एजेंडा तब तक टाल देना चाहिए जब तक फुटपाथ वेंडर्स को वेंडिंग जोन में शिफ्ट नहीं कर दिया जाता। व्यापार मंडल की तरफ से चरनजीव सिंह हाउस में इस एजेंडे का विरोध करेंगे। व्यापार मंडल ने गारबेज कोलेक्शन चार्जेस 50 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने पर भी आपत्ति जताई है। मेयर ने व्यापारियों को उनके साथ अन्याय नहीं होने का आश्वासन दिया। बंक मारते ही वॉच अथॉरिटी को भेजेगी अलर्ट

नगर निगम का कोई भी इंप्लाइ अब गायब रहकर बंक नहीं मार सकेगा। वर्किंग साइट से जरा सा भी इधर-उधर होते ही तुरंत हायर अथॉरिटी को इसकी सूचना मिल जाएगी। इतना ही नहीं फील्ड में भेजे गए और डॉक्यूमेंट्स में लिखे गए इंप्लाइज का अंतर भी तुरंत पता चल जाएगा। इसके लिए एमसी पहली बार ह्यूमन एफिशिएंसी ट्रैकिंग सिस्टम (इमट्रैक) का इस्तेमाल करेगा। नगर निगम की हाउस मीटिंग में शुक्रवार को यह एजेंडा लाया जा रहा है। जिसके तहत सभी इंप्लाइज को एक घड़ी दी जाएगी। जो जीपीएस बेस्ड होगी। यह घड़ी आम घड़ी नहीं होगी। इसमें कैमरा, माइक्रोफोन, यूएसबी जैसी सभी अत्याधुनिक तकनीक होगी। यह काम करते इंप्लाइज की फोटो क्लिक कर अथॉरिटी को भेज सकती है। किसी परेशानी की स्थिति में इंप्लाइज भी अपने सेक्शन ऑफिसर को बटन दबाकर तुरंत कॉल कर सकेगा। एमसी ऑफिस से भी इंप्लाइज को कॉल की जा सकेगी। अगर फील्ड में कार्यरत स्टाफ काम से हटता है या कहीं छोड़कर जाता है तो इसकी सूचना तुरंत अथॉरिटी को मिल जाएगी। इमट्रैक सिस्टम अपनाने वाला चंडीगढ़ नॉर्थ इंडिया की पहली एमसी बन जाएगी। इससे फेक अटेंडेंस और एबसेंसी का पता भी चल जाएगा। अटेंडेंस के लिए समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा। 400 रुपये प्रतिमाह प्रति इंप्लाइ आएगा खर्च

इस वॉच को खरीदने पर प्रति व्यक्ति 372 रुपये प्लस जीएसटी का खर्च प्रति माह आएगा। यह खर्च 3500 से 4000 व‌र्क्स की यूनिट के लिए पांच सालों के लिए होगा। इसका कम से कम साढ़े तीन साल का लॉकिंग पीरियड होगा। इस वॉच का प्रपोजल नगर निगम के पास दिल्ली की आइटीआइ ने भेजा है। आइटीआइ ने तर्क दिया है कि अधिकतर शहर इंप्लाइज की एफिशिएंसी से परेशान हैं। कितने इंप्लाइज भेजे, उन्होंने काम किया या नहीं किया, अटेंडेंस कुछ की और कागजों में कुछ दिखाने जैसी दिक्कतें रहती हैं। यह वॉच जीपीएस सिस्टम से इन सभी का हल है।

chat bot
आपका साथी