PU Chandigarh के हर विभाग का होगा एकेडमिक रिव्यू, डीयूआइ के रिव्यू कमेटी बनाने के आदेश

पंजाब यूनिवर्सिटी के हर विभाग का एकेडमिक रिव्यू होगा। इसके लिए एकेडमिक रिव्यू कमेटी गठित की जाएगी। रिव्यू कमेटी बनाने के लिए डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन प्रो. आरके सिंगला ने आदेश जारी कर दिए हैं और यह कमेटी 30 नवंबर से तक गठित करनी होगी।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 03:06 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 03:06 PM (IST)
PU Chandigarh के हर विभाग का होगा एकेडमिक रिव्यू, डीयूआइ के रिव्यू कमेटी बनाने के आदेश
पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित स्टूडेंट सेंटर का फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) के हर डिपार्टमेंट का अब एकेडमिक रिव्यू (Academic Review) किया जाएगा। इसके लिए रिव्यू कमेटी (Review Committee) बनाने के लिए डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन (डीयूआइ) प्रो. आरके सिंगला ने आदेश जारी कर दिए हैं। कमेटियां 30 नवंबर तक गठित होंगी। 24 अक्टूबर को चेयरपर्सनों के साथ हुई मीटिंग के दौरान वीसी प्रो. राजकुमार ने ये आदेश जारी किए थे।

अब डीयूआइ ने सभी डिपार्टमेंट्स को रिव्यू कमेटी 30 नवंबर तक बनाने के आदेश दिए हैं। सभी डिपार्टमेंट ही नहीं सेंटर्स और इंस्टीट्यूट्स को भी ये कमेटियां गठित करनी हाेगी। एकेडमिक रिव्यू कमेटी (Academic Review Committee) बनाई जाएगी जो न सिर्फ एकेडमिक एक्टीविटीज की रिपोर्ट तय करेगी बल्कि भविष्य की योजनाएं भी बनाएंगी।

रिसर्च की डुप्लीकेसी को रोकना मकसद

रिसर्च रिव्यू कमेटी में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर या पीजी स्टूडेंट को शामिल करना जरूरी है। कमेटी अब तक हुई रिसर्च और निकट भविष्य के रिसर्च प्लान को बताएगी। इसका मकसद है कि रिसर्च की डुप्लीकेसी को रोका जा सके। ये कमेटी मुख्य हिस्से बता सकती है जहां पर रिसर्च डेवलपमेंट हो सकती है। सोशल रिव्यू या अन्य रिव्यू कमेटी भी बनाई जाएगी जो बताए कि आउटरीच एक्टीविटीज के तहत क्या-क्या काम किए गए हैं इसकी रिपोर्ट 30 नवंबर तक देनी होगी।

सोशल वर्क डिपार्टमेंट का सिलेबस बदलने के आदेश

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने पीयू समेत सभी यूनिवर्सिटीज को सोशल वर्क डिपार्टमेंट का सिलेबस बदलने के आदेश दिए हैं। इसकी सिफारिश 2018 में सभी वाइस चांसलरों की नेशनल काॅन्फ्रेंस के दौरान की गई थी और इसी हिसाब से इसमें काफी बदलाव किए गए हैं। लेकिन पीयू को इसकी जरूरत नहीं होगी। क्योंकि 2019 में ही उन्होंने नया सिलेबस और नया पेपर दिया है, जिसके लिए इंडस्ट्री के सजेशन लिए गए थे लेकिन यूजीसी ने पूरे सिलेबस का मिलान करने के लिए कहा है, जिसमें नए कोर्स भी सजेस्ट किए गए हैं।

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