300 करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं भर पाई ये बालटियां

नगर निगम की ओर से किया गया था दावा इस गर्मी में नहीं आएगी किल्लत।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 06:29 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:29 PM (IST)
300 करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं भर पाई ये बालटियां
300 करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं भर पाई ये बालटियां

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : कजौली वाटर व‌र्क्स के पांचवें और छठे फेज के निर्माण पर नगर निगम ने 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा किया। इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन पिछले साल अक्तूबर में हुआ। यह दावा किया गया कि अब इस प्रोजेक्ट से 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी आने से शहर में पानी की किल्लत दूर हो जाएगी। ऊपर की मंजिलों में फुल प्रेशर से पानी आएगा। लेकिन इन गर्मियों में भी लोगों की बालटियां खाली ही रह रही हैं। ऊपर की मंजिलों में लो प्रेशर की दिक्कत है। छत पर रखी टंकियों में पानी स्टोर नहीं हो रहा है। ऐसे में लोगों का कहना है कि फिर नए प्रोजेक्टों पर करोड़ों रुपये खर्च करने का क्या फायदा। नगर निगम ने पानी का टैंकर मंगवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर 0172-540200 और 155304 जारी किया है। इस समय 109 एमजीडी पानी की सप्लाई

चंडीगढ़ में इस समय 109 एमजीडी पानी की सप्लाई हो रही है। जिसमें 22 एमजीडी पानी 220 ट्यूबवेलों से आ रहा है। ग्राउंड लेवल निरंतर गिर रहा है। चंडीगढ़ में पूरे देश में प्रति व्यक्ति पानी की खपत 245 लीटर है, जो सबसे ज्यादा है। दक्षिणी सेक्टरों के अलावा गांवों और कॉलोनियों में लो प्रेशर की दिक्कत काफी ज्यादा है। 29 जून को होने वाली सदन की बैठक में भी कई पार्षदों ने पानी की किल्लत का मामला गर्माया था। पंपिग मशीन के लिए फंड नहीं

सेक्टर-56 में चार मंजिला मकानों के लिए 30 लाख रुपये खर्च करके नए ट्यूबवेल के लिए बोरिग की गई थी। लेकिन अब यह काम ठप पड़ा है। क्योंकि ट्यूबवेल में पंपिग मशीन के लिए नगर निगम के पास फंड नहीं है। जिस कारण काम रुक गया। वार्ड पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि उन्होंने इस बारे में चीफ इंजीनियर से बात की थी। इस समय गर्मी में लोगों को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत है। इन एरिया में लो प्रेशर की दिक्कत

सेक्टर-7, 15, 16, 18, 20, 21, 24, 25, 26, 27, 29, 30, 32, 37, 38, 39, 40, 42, 44, 45, 47, 49, 52 और 61 में लगातार पानी के लो प्रेशर की दिक्कत लोगों को झेलनी पड़ रही है। यहां तक कि जिन एरिया में बूस्टर भी लगे हुए हैं, वहां पर भी पानी के लो प्रेशर की दिक्कत आ रही है। इसके साथ ही मनीमाजरा, किशनगढ़, धनास, बापूधाम, मलोया और गांवों के एरिया में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को ग्राउंड फ्लोर भी मशक्कत करके पानी चढ़ाना पड़ रहा है या फिर मोटर लगाई है। जिससे बिजली का खर्चा बढ़ जाता है। शहरवासियों को स्मार्ट सिटी के तहत 24 घंटे पानी की सप्लाई का सपना दिखाया जा रहा है। जबकि इस समय ऊपर की मंजिल में रहने वालों को लो प्रेशर की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिणी सेक्टरों में जो निजी सोसायटियां हैं, वहां पर पानी का काफी संकट है। छतों पर रखी टंकियां सूखी रह रही हैं।

-बलजिंदर सिंह बिट्टू, चेयरमैन, फासवेक अन्य शहरों के मुकाबले में चंडीगढ़ में पानी ज्यादा है। कई बार बिजली कट लगने से ट्यूबवेल से होने वाली सप्लाई बंद हो जाती है। जहां-जहां पर भी लो प्रेशर की दिक्कत है, उसे दूर किया जाता है। गर्मी में पानी की मांग बढ़ जाती है। नगर निगम के पास पानी की कोई कमी नहीं है।

-शैलेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर, नगर निगम

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