माैसम में बदलाव से अस्पतालाें में इमरजेंसी के बेड पड़े कम, स्ट्रेचर पर भर्ती कर रहे मरीज

चिलचिलाती धूप और गर्मी सेहत पर भारी पडऩे लगा है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है स्कूली बच्चों और कामकाजी लोगों को।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Tue, 07 May 2019 02:20 PM (IST) Updated:Tue, 07 May 2019 05:42 PM (IST)
माैसम में बदलाव से अस्पतालाें में इमरजेंसी के बेड पड़े कम, स्ट्रेचर पर भर्ती कर रहे मरीज
माैसम में बदलाव से अस्पतालाें में इमरजेंसी के बेड पड़े कम, स्ट्रेचर पर भर्ती कर रहे मरीज

जेएनएन, चंडीगढ़। चिलचिलाती धूप और गर्मी सेहत पर भारी पडऩे लगा है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है स्कूली बच्चों और कामकाजी लोगों को। दोपहर में धूप के कारण उनकी हालत खराब हो रही है। इससे किसी को उल्टी तो किसी को पेट दर्द की शिकायत हो रही है। डॉक्टर उन्हें कम से कम धूप में निकलने और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या का असर सेक्टर 16 के गवर्नमेंट मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की इमरजेंसी में साफ नजर आ रहा है। वहां ऐसे मरीजों से पूरा वार्ड भरा पड़ा है। स्थिति से निपटने के लिए मरीजों को इमरजेंसी की गैलरी में ही स्ट्रेचर पर भर्ती किया जा रहा है। उन्हें स्ट्रेचर पर ही ड्रिप और इंजेक्शन देकर इलाज शुरू कर दिया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्थिति से बचाव के लिए एक्स्ट्रा बेड की व्यवस्था कर दी गई है। जरूरत के अनुसार बेड लगा दिये जायेंगे।

इस मर्ज के मरीज ज्यादा
गर्मी और धूप के कारण इन दिनों वायरल बुखार, पेट दर्द, डायरिया, वामेटिंग, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, बदन दर्द के मरीज ज्यादा आ रह हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अचानक से तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण ऐसी परेशानी बढ़ रही है। खान-पान और रहन-सहन में सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है। सेक्टर 16 के अस्पताल में एक दिन में भर्ती होने वाले 80 से 85 मरीजों में 30 से 35 मरीज मौसमी बीमारियों वाले हैं।


बच्चे ज्यादा इफेक्टेड
सीजनल बीमारियों की चपेट में आने वालों में बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। चाइल्ड स्पेशलिस्टों का कहना है कि बच्चों में इम्यूनिटी पावर कम होने के कारण वे मौसम में बदलाव के दौरान तेजी से प्रभावित होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि पेरेंट्स उनपर विशेष ध्यान दें। उन्हें हेल्दी फूड दे, फास्ट और जंक फूड की जिद करने पर घर ही कुछ स्पेशल बनाकर दें। बच्चों में डायरिया या डिहाइड्रेशन की स्थिति में घरेलू उपाय अपनाने की बजाय तत्काल डॉक्टर को दिखाये।


रहना है सेहतमंद ताे इसका रखें ध्यान
बाहर निकलते समय भरपूर पानी पीयें। सिर को ढक़कर जाए 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर ज्यादा देर तक बाहर रहने से बचें।ज्यादा तला-भूना भोजन न करें, नारियल पानी, जूस, दाल का पानी ज्यादा मात्रा में लें खुले में बिकने वाले फूड आइटम न खाये धूप से आकर एसी के सामने न बैठे पानी उबालकर ठंडा करके पीयें।

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