राजभवन जा रहे किसानों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, दर्जनों जख्मी

स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने व अन्य मांगों को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के बैनर तले मंगलवार को सैकड़ों किसान चंडीगढ़ के राजभवन का घेराव करने जा रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 May 2019 02:07 AM (IST) Updated:Wed, 15 May 2019 02:07 AM (IST)
राजभवन जा रहे किसानों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, दर्जनों जख्मी
राजभवन जा रहे किसानों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, दर्जनों जख्मी

जागरण संवाददाता, मोहाली : स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने व अन्य मांगों को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के बैनर तले मंगलवार को सैकड़ों किसान चंडीगढ़ के राजभवन का घेराव करने जा रहे थे। इस दौरान किसानों को चंडीगढ़ पुलिस ने मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर गीता भवन मंदिर के पास रोक लिया। किसानों का प्रदर्शन उग्र होता देख उन्हें रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने किसानों पर लाठियां भांजी, पानी की बौछारें व आंसू गैस के गोले छोड़े। इस लाठीचार्ज में कुछ किसान चोटिल हो गए जिन्हें चंडीगढ़ के सरकारी अस्पतालों में प्राथमिक इलाज के लिए ले जाया गया। इस दौरान किसानों ने केंद्र के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। जानकारी के मुताबिक 12 किसानों को सेक्टर-32 चंडीगढ़ के सरकारी अस्पताल, 24 के करीब किसानों को मोहाली के अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया। जहां उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। किसानों के लिए बने कर्ज पॉलिसी किसानों ने राजभवन का घेराव करने से पहले मोहाली में रैली की। रैली के बाद किसानों ने मोहाली के अंब साहिब गुरुद्वारा से मार्च निकाला। किसान लखविदर सिंह, राजविदर, प्रेम सिंह, सुखवंत सिंह का कहना था कि केंद्र सरकार ऐसी पॉलिसी लेकर आ रही है जिससे किसानों की गेहूं व अन्य फसलों की खरीद सरकारी एजेंसियां नहीं करेगी। इससे किसानों के नुकसान होगा। किसानों की आर्थिक हालत बिगड़ेगी। किसानों की मांग थी कि किसानों को इस बात की गारंटी दी जाए कि उनकी फसलों की खरीद सरकारी एजेंसियां करेगी। इसके साथ किसानों के लिए कर्ज की अलग पॉलिसी बनाई जाए। किसानों ने स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग भी की। मांगें न मानी तो करेंगे संघर्ष किसानों ने केंद्र और पंजाब सरकार के खिलाफ एक संघर्ष का ऐलान किया। किसानों ने कहा कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष तेज किया जाए। किसानों का अगला कदम क्या होगा? इसको लेकर किसान यूनियन की ओर से जल्द ही बैठक कर आगे की रूप रेखा तैयार की जाएगी।

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