दो विभागों में फंसी फुटओवर ब्रिज की मांग, लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक से लोग परेशान Chandigarh News
जीरकपुर में चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर लगातार ट्रैफिक बढ़ रहा है। इस ट्रैफिक में पैदल हाईवे पार करने वालों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
मोहाली, जेएनएन। जीरकपुर के मेट्रो माल के नजदीक बनने वाले वाले फुटओवर ब्रिज की मांग दो विभागों में फंसी है। जीरकपुर के वीआइपी रोड पर रहने वाले लोग फुटओवर ब्रिज की मांग कर रहे हैं। जीरकपुर में चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर लगातार ट्रैफिक बढ़ रहा है। इस ट्रैफिक में पैदल हाईवे पार करने वालों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इस साल भी जीरकपुर नगर काउंसिल फुट ओवरब्रिज के लिए जगह देने के लिए कोई काम नहीं कर रही। एनएचएआइ और नगर काउंसिल इस मांग को लेकर आपस में उलझी पड़ी हैं। स्थानीय आरडब्ल्यूए संबंधित विभागों को फुटओवर ब्रिज बनाने की मांग करती आ रही है। लेकिन विभागों की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। आरडब्ल्यूए ने बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों सहित स्कूली बच्चों का हवाला देते हुए कहा कि सड़क पार करने के दौरान इन्हें विशेष दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कि जिस तरह से मार्ग पर वाहनों का दबाव रहता है, उससे हादसों की आशंका बनी रहती है।
सड़क को किया गया है चौड़ा
चंडीगढ़-अंबाला सड़क को हाल ही में चौड़ा किया गया है लेकिन उसे पार करने के लिए कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं दी गई है। हाल ही में स्थानीय आरडब्ल्यूए ने एनएचएआइ को पत्र लिखा था जिसके बाद एनएचएआइ की ओर से कहा गया कि फुटओवर ब्रिज का निर्माण कहां किया जाना है, यह स्पष्ट नहीं है। एनएचएआइ ने नगर काउंसिल जीरकपुर से फुटओवर ब्रिज बनाने को लेकर प्रस्तावित प्रारूप की भी मांग की थी लेकिन जो प्रारूप दिया गया, उसमें एनएचएआइ ने स्पष्ट किया है कि जो फुटओवर ब्रिज की सीढि़यां उतरेंगी, वह जगह स्लिप रोड से थोड़ा हटकर होनी चाहिए। इस सड़क पर रोजाना लाखों वाहनों का आवागमन होता है। इस कारण पैदल यात्रियों को सड़क पार करने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पैदल यात्रियों के लिए यहां पर डिवाइडर कट भी नहीं है। वहीं, फ्लाईओवर के बाद ¨सघपुरा चौक पर लालबत्ती होने से वाहन तीव्र गति से चलते हैं।
आने वाली है अप्रूवल : इकबाल
प्रोजेक्ट मैनेजर जीएमआर कंपनी इकबाल सिंह ने कहा कि जीरकपुर मेट्रो माल के पास फुट ओवरब्रिज बनाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। इसके बाद अथॉरिटी के अधिकारियों ने इंस्पेक्शन के बाद एक-दो ऑब्जेक्शन लगाए थे जिन्हें पूरा कर लिया गया। इसकी अप्रूवल आने वाली है।
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