शेड अलॉटमेंट घोटाले में पार्षद बबला दोषी

जिला अदालत ने मंगलवार को सेक्टर-26 स्थित सब्जी मंडी में शेड अलॉटमेंट घोटाले में काग्रेसी पार्षद व मार्केट कमेटी के पूर्व प्रधान दविंद्र सिंह बबला को दोषी करार दे दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Mar 2018 09:59 PM (IST) Updated:Tue, 27 Mar 2018 09:59 PM (IST)
शेड अलॉटमेंट घोटाले में पार्षद बबला दोषी
शेड अलॉटमेंट घोटाले में पार्षद बबला दोषी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : जिला अदालत ने मंगलवार को सेक्टर-26 स्थित सब्जी मंडी में शेड अलॉटमेंट घोटाले में काग्रेसी पार्षद व मार्केट कमेटी के पूर्व प्रधान दविंद्र सिंह बबला को दोषी करार दे दिया। अदालत ने यह फैसला मंगलवार सुबह दिया। पुलिस ने दोषी को कस्टडी में ले लिया है और उसे बुड़ैल जेल भेज दिया है। कोर्ट 31 मार्च को धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत बबला को सजा सुनाएगी। इससे पूर्व कांग्रेसी पार्षद दविंद्र सिंह बबला मंगलवार सुबह जिला अदालत में पेश हुआ। 22 जुलाई 2014 को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट शिफा की अदालत ने बबला को दोषी करार दिया था। अदालत ने उसे एक वर्ष के अच्छे आचरण की गारंटी पर पचास हजार के मुचलके पर छोड़ा था। दायर मामला 19 अगस्त 2009 का है। बाद में स्टेट ने याचिका दायर की कि इस मामले में बबला को सजा होनी चाहिए। दूसरी तरफ से बबला ने भी सजा नहीं होने की याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद बबला की याचिका को खारिज कर दिया। यह है पूरा मामला

सेक्टर-26 स्थित सब्जी मंडी के दुकानदार सूरज प्रकाश अहूजा ने विजिलेंस को शिकायत दी थी कि शेड अलॉटमेंट ऑक्शन में दविंद्र सिंह बबला ने अनियमितताएं बरतकर अपने दस लोगों के शेड अलॉट किए थे। नियम के तहत कुल 59 लोगों को शेड अलॉट होने थे, लेकिन जाली कागजात के आधार पर मार्केट कमेटी के पूर्व प्रधान दविंद्र सिंह बबला ने 59 की जगह 69 लोगों को शेड अलाट कर दिए थे। शिकायत मिलने के बाद सेक्टर-26 पुलिस स्टेशन में बबला के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद बबला फरार हो गया था। जिला अदालत ने भगोड़ा घोषित करने के लिए नोटिस जारी करने वाली ही थी कि बबला ने पुलिस के सामने 29 दिसंबर 2009 को सरेंडर कर दिया था। हो सकती है सात वर्ष की कैद

आइपीसी की धारा 420 के तहत दोषी को अधिकतम सात वर्ष कैद की सजा या इससे कम भी हो सकती है। इसके साथ जुर्माना भी लग सकता है। तीन साल के ऊपर सजा होने पर दोषी को जमानत नहीं मिलती है और उसको जेल जाना पड़ता है।

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