जीत के बावजूद कांग्रेस को लगा बड़ा जख्‍म, इस हार ने जश्‍न को किया फीका

Punjab Assembly Byelection में कांग्रेस को तीन सीटों पर शानदार जीत के बावजूद दाखा में हार से गहरा जख्‍म मिला है। इससे कांग्रेस की जीत का जश्‍न फीका पड़ गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 25 Oct 2019 10:21 AM (IST) Updated:Fri, 25 Oct 2019 10:34 AM (IST)
जीत के बावजूद कांग्रेस को लगा बड़ा जख्‍म, इस हार ने जश्‍न को किया फीका
जीत के बावजूद कांग्रेस को लगा बड़ा जख्‍म, इस हार ने जश्‍न को किया फीका

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Byelection 2019 में कांग्रेस को जीत के बावजूद गहरा जख्‍म लगा है। इससे जीत का जश्‍न फीका पड़ गया। दाखा से कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन संदीप संधू की हार से पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस को इस हार की काफी समय तक कसक रहेगी। कांग्रेस ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल का जलालाबाद का किला तो ढाह दिया लेकिन दाखा के चक्रव्यूह से नहीं निकल पाई।

तीन विधानसभा सीटें जीतने के बाद भी भारी पड़ी दाखा में कैप्टन संधू की हार

कांग्रेस के लिए कैप्टन संधू की हार बड़ा सवाल लेकर आई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे संदीप संधू की चुनावी कमान भी कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु और लुधियाना के सांसद रवनीत बिट्टू ने संभाली थी। अक्सर विवादों में रहने वाले आशु चुनाव के दौरान भी एक सिख कांग्रेसी कार्यकर्ता की पगड़ी उछालने को लेकर विवाद में फंस गए थे। हालांकि कांग्र्रेस ने आशु का बचाव तो किया लेकिन इस घटना का असर मतदान पर साफ देखने को मिला।

कैप्टन संधू की हार से आशु और बिट्टू की कारगुजारी पर भी सवालिया निशान लग गए हैं। दाखा चुनाव के दौरान रवनीत बिïट्टू की कारगुजारी पर खासी उंगलियां उठी थी। दाखा एकमात्र ऐसा हलका था जहां पर कांग्रेस ने सबसे ज्यादा जोर लगाया हुआ था। कैबिनेट मंत्री से लेकर कांग्र्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने यहां पर डेरा डाला हुआ था।

दाखा में मुख्यमंत्री ने दिया था सबसे ज्यादा समय

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी दो दिनों तक दाखा में प्रचार किया, जबकि अन्य हलकों फगवाड़ा, मुकेरियां और जलालाबाद में मात्र एक-एक दिन ही प्रचार किया। मुख्यमंत्री दाखा सीट को लेकर शुरू से ही काफी सचेत दिखाई दे रहे थे। कैप्टन संधू की हार का असर कांग्रेस की राजनीति पर पडऩा तय माना जा रहा है।

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है, बेहद दुख की  बात है कि दाखा के लोगों ने एक अच्छे नेता को स्वीकार नहीं किया। निश्चित रूप से कैप्टन संधू आप के पूर्व विधायक एचएस फूलका की परछाई से बाहर निकल ही नहीं पाए। फूलका दाखा के लोगों को मझधार में छोड़ गए थे इसीलिए लोग कैप्टन संधू पर विश्वास नहीं कर सके। जाखड़ ने कहा, निश्चित रूप से दाखा की हार की समीक्षा की जाएगी।

अकाली दल व भाजपा का अहंकार टूटा : जाखड़

कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने तीन सीटों पर पार्टी की जीत को शानदार बताते हुए सभी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का धन्यवाद किया है। उनका कहना है कि लोगों ने अकाली दल और भाजपा का अहंकार तोड़ कर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नीतियों पर मोहर लगाई है। जाखड़ ने कहा कि चार में से तीन विधानसभा सीटें जीत कर कांग्र्रेस ने एक बार फिर दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है।

उन्‍होंने कहा कि अहम बात यह है कि जो पार्टी जलालाबाद सीट को अपनी जमीदारी बताती थी वहां पर लोगों ने अकाली दल को वास्तविक तस्वीर दिखा दी है। लेकिन दुख इस बात का भी है कि जिस पार्टी ने पंजाब की जवानी को नशे में डुबोकर रख दिया दाखा सीट जितवा कर उस पार्टी को लोगों ने सांस भी दे दी है।

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