कांग्रेस ने अधिकतर विधायकों को टिकट देकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की उम्मीदों पर फेरा पानी

Punjab Chunav 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस ने अधिकतर विधायकों को टिकट देकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कैप्‍टन अमरिंदर को उम्‍मीद थी कि सिटिंग कांंग्रेस के विधायकों के टिकट करने पर वे उनकी पार्टी की ओर रुख करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 11:04 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 08:38 AM (IST)
कांग्रेस ने अधिकतर विधायकों को टिकट देकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की उम्मीदों पर फेरा पानी
पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Chunav 2022: कांग्रेस ने टिकट बंटवारे में अधिकतर विधायकों को टिकट देकर पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह लंबे समय से कांग्रेस के टिकट बंटवारे पर नजरें टिकाए हुए थे। कांग्रेस को भी इस बात का पूरा अंदाजा था कि जिन विधायको के टिकट कटेंगे वे या तो कैप्टन की पार्टी में शामिल हो जाएंगे या कैप्टन के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी में जा सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस की आशंका कुछ हद तक तो सही साबित हुई। टिकट कटने के बाद मोगा के विधायक डा. हरजोत कमल, गढ़शंकर से उम्मीदवार रहीं निमीशा मेहता ने भाजपा ज्वाइन कर ली। लेकिन, अधिकतर विधायकों को टिकट देकर कांग्रेस ने पंजाब में कैप्टन की पार्टी को मजबूत होने का कोई मौका नहीं दिया।

अब तक घोषित 86 उम्‍मीदवारोंं में 60 विधायकों को कांग्रेस ने दिया टिकट 

कांग्रेस पर इस बात का इतना दबाव था कि कई विधायकों की सर्वे रिपोर्ट ठीक न होने के बावजूद पार्टी ने टिकट काटने की हिम्मत नहीं दिखाई। कांग्रेस के 86 उम्मीदवारों की लिस्ट में 60 सिटिंग विधायकों को टिकट दी। मात्र चार ही विधायक ऐसे थे जिनकी टिकट कटी। इसमें से श्री हरगोबिंदपुर के विधायक बलविंदर सिंह लाडी भी शामिल हैं, जिन्होंने पहले तो भाजपा ज्वाइन की थी लेकिन छह दिन बाद ही वह वापस कांग्रेस में आ गए। लेकिन,  कांग्रेस ने उन्हें अपनी पार्टी में तो शामिल करवाया लेकिन टिकट नहीं दिया।

उम्मीद थी 18 से 20 विधायकों का टिकट कटेगा लेकिन अभी तक मात्र 4 का ही कटा

कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर विधायकों को पुन: टिकट देकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। क्योंकि, पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन को आशा था कि 18 से 20 विधायकों का टिकट कटेगा। यही कारण है कि आचार संहिता लागू होने से पहले कैप्टन ने दावा किया था कि एक बार आचार संहिता लग जाए, उसके बाद उनकी पार्टी को ज्वाइन करने वालों में अप्रत्याशित लोग होंगे।

कैप्टन की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी करीब 32 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। कैप्टन लगातार यह दावा करते आए हैं कि कांग्रेस के डेढ़ दर्जन से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में है। हालांकि कांग्रेस पर भी कैप्टन के दबाव का असर देखने को मिला। कांग्रेस ने पूर्व दागी कैबिनेट मंत्री को भी टिकट देने में हिचक नहीं की। इसमें कैप्टन के करीबी व पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले में फंसे साधू सिंह धर्मसोत भी शामिल है।

कैबिनेट से हटाए जाने के बाद माना जा रहा था कि धर्मसोत को कांग्रेस इस बार टिकट नहीं देगी। क्योंकि स्कालरशिप घोटाले का दाग लेकर चुनाव मैदान में जाना कांग्रेस के लिए कोई बड़ी परेशानी न खड़ी कर दे। लेकिन कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री को भी टिकट देकर पुन: चुनाव मैदान में उतार कर क्लीनचिट दे दी।

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