छठ पर गंदगी से भरी लेक में खड़े होकर देना होगा सूर्य को अ‌र्घ्य

काई से भरी और बदबू मारते हुए पानी में खड़े होकर इस साल छठ पूजा की जाएगी। यह पहली बार है जब छठ पूजा के लिए दो दिन बचे है और पूजा के लिए बनाई गई स्पेशल न्यू लेक सेक्टर-42 की प्रशासन ने सफाई तक नहीं कराई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Nov 2018 02:33 AM (IST) Updated:Sun, 11 Nov 2018 02:33 AM (IST)
छठ पर गंदगी से भरी लेक में खड़े होकर देना होगा सूर्य को अ‌र्घ्य
छठ पर गंदगी से भरी लेक में खड़े होकर देना होगा सूर्य को अ‌र्घ्य

जासं, चंडीगढ़ :

काई से भरी और बदबू मारते हुए पानी में खड़े होकर इस साल छठ पूजा की जाएगी। यह पहली बार है जब छठ पूजा के लिए दो दिन बचे है और पूजा के लिए बनाई गई स्पेशल न्यू लेक सेक्टर-42 की प्रशासन ने सफाई तक नहीं कराई है। लेक का आलम यह है कि पूजा करना तो बहुत दूर की बात है यहां पर कोई खड़ा होना भी संभव नहीं है। लेक के बीच चारों तरफ काई के ढेर लगे हुए है जबकि लेक के आस-पास गंदगी के ढेर लगे हुए है। लेक के बीच मौजूद पानी में कीड़े भरे हुए है जो कि दूर-दूर तक अपनी बदबू फैला रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसी स्थिति में पूजा कैसे होगी।

छठ पूजा के लिए हुआ था लेक

न्यू लेक सेक्टर-42 का निर्माण छठ पूजा के लिए ही किया गया था। चार दिनों तक चलने वाली पूजा के तीसरे दिन शाम को डूबते हुए और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को श्रद्धालुओं की तरफ से अ‌र्घ्य दिया देकर व्रत को पूरा किया जाता है। अ‌र्घ्य देने के लिए इस लेक को बनवाया गया था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग एक स्थान पर इकट्ठे होकर व्रत का आरंभ और समापन कर सके।

प्रशासन को 26 अक्टूबर को दिया था सफाई के लिए मांग पत्र

लेक पर छठ पूजा का आयोजन पूर्वाचल संगठन की तरफ से कराया जाता है। इसके लिए पूर्वाचल संगठन की तरफ से 26 अक्तूबर को एडवाइजर परिमल रॉय को मांग पत्र दिया था। उस पत्र की कॉपी चीफ इंजीनियर और सुपरीडेंट को भी दी गई थी ताकि समय पर लेक की सफाई हो सके और उसमें लोग पूजा कर सके। 15 दिन बीतने के बाद भी प्रशासन की तरफ से सफाई के लिए कोई ध्यान नहीं दिया है और गंदगी के अंबार लगे हुए है। प्रशासन ने नहीं की तो पूर्वाचल संगठन करेगा खुद सफाई

पूर्वाचल संगठन के प्रेसीडेंट डीके सिंह ने बताया कि प्रशासन को सफाई के लिए मांग पत्र दिया गया है। यदि प्रशासन इस पर 11 नवंबर तक कोई कार्रवाई नहीं करता है तो 11 नवंबर शाम तक खुद पूर्वाचल सभा के सदस्य सफाई करेंगे और पूजा लेक पर पूरे विधि-विधान से करेंगे।

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