चंडीगढ़ नगर निगम की माली हालत खराब, कर्मचारियों की सैलरी देने के भी पड़ रहे लाले

चंडीगढ़ नगर निगम की हर महीने करीब 56 करोड़ रुपये की देनदारी है। इसमें सैलरी और भत्ते इलेक्ट्रिसिटी फ्यूल और वाटर चार्जेस शामिल हैं। अब एमसी अपने केवल जरूरी कार्य ही कर सकता है। पहले से चल रहे कार्यों को पूरा किया जा सकता है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 01:49 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 01:49 PM (IST)
चंडीगढ़ नगर निगम की माली हालत खराब, कर्मचारियों की सैलरी देने के भी पड़ रहे लाले
अब नए वित्त वर्ष में ही ग्रांट मिलेगी, लेकिन यह ग्रांट से एमसी का काम चलने वाला नहीं है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Nagar Nigam) की माली हालत खराब है। हालात यह हैं कि कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए फंड नहीं है। चंडीगढ़ प्रशासन ने नगर निगम को 125 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड जारी की है। भले ही यह ग्रांट नगर निगम को मिल गई है, लेकिन नगर निगम की वित्तीय हालत अभी भी सुधरी नहीं है। नगर निगम की माली हालत अभी खराब ही है। इस वित्त वर्ष में नगर निगम को मिलने वाली ग्रांट की यह अंतिम किस्त है। इसके बाद अब नए वित्त वर्ष में ही ग्रांट मिलेगी, लेकिन यह ग्रांट से एमसी का काम चलने वाला नहीं है।

चंडीगढ़ नगर निगम की हर महीने करीब 56 करोड़ रुपये की देनदारी है। इसमें सैलरी और भत्ते, इलेक्ट्रिसिटी, फ्यूल और वाटर चार्जेस शामिल हैं। अब एमसी अपने केवल जरूरी कार्य ही कर सकता है। पहले से चल रहे कार्यों को पूरा किया जा सकता है। कोई नया कार्य नए वित्त वर्ष में ही शुरू होगा। इससे पहले कुछ किया तो सैलरी देने में भी परेशानी होगी। करीब 115 करोड़ रुपये तो अगले दो महीने में सैलरी और दूसरे खर्च में ही चला जाएगा। इसलिए अंतिम महीने में सैलरी देने के भी पैसे पूरे नहीं होंगे। साथ ही अन्य खर्च भी पूरे करने मुश्किल होंगे। इस वजह से एमसी की मुश्किलें बढ़नी तय है।

बजट 1627 करोड़ का किया था पास

नगर निगम ने फरवरी 2021 में एमसी हाउस के अंदर 1627 करोड़ रुपये का बजट पास किया था। लेकिन यूटी प्रशासन ने केवल 502 करोड़ रुपये ग्रांट इन एड के तौर पर दिए। ऐसे घाटे का बजट पास किया गया था। प्रशासन कई साल से नगर निगम को अपनी आय बढ़ाने के लिए कहता रहा है। इसके बाद ही एमसी ने कई ऐसे सुधार किए हैं जो वर्षों से कभी किए ही नहीं गए। साथ ही कई चीजों के रेट बढ़ाए गए काओ सेस और कई दूसरे टैक्स भी लगाए। इन मुद्दों पर भाजपा को कांग्रेस घेरती रही है।

502 करोड़ मिले ग्रांट में

वित्त वर्ष 31 मार्च 2022 में पूरा होगा। नगर निगम की तरफ से कई बार इसकी मांग प्रशासन से की गई थी। एमसी के लिए प्रशासन ने रिवाइज्ड एस्टीमेट बजट में 208 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मांगे थे। लेकिन केंद्र सरकार ने रिवाइज्ड एस्टीमेट में पैसे देने से इनकार कर दिया। इस वित्त वर्ष में यूटी प्रशासन ने एमसी को 502 करोड़ रुपये ग्रांट इन एड के तौर पर देने की घोषणा की थी। इस अंतिम किस्त के साथ यह रकम पूरी हो गई है।

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