पंचकूला व मोहाली को मिलाकर बनेगा चंडीगढ़ कैपिटल रीजन

बरींद्र सिंह रावत, चंडीगढ़ ट्राईसिटी को चंडीगढ़ कैपिटल रीजन के रूप में डेवलप करने पर प्रशासन काम श

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jun 2018 06:17 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jun 2018 06:17 AM (IST)
पंचकूला व मोहाली को मिलाकर बनेगा चंडीगढ़ कैपिटल रीजन
पंचकूला व मोहाली को मिलाकर बनेगा चंडीगढ़ कैपिटल रीजन

बरींद्र सिंह रावत, चंडीगढ़

ट्राईसिटी को चंडीगढ़ कैपिटल रीजन के रूप में डेवलप करने पर प्रशासन काम शुरू करेगा। चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला मिलकर सीसीआर के रूप में काम करेंगे। क्राइम कंट्रोल, एजुकेशन, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए तीनों शहर की प्लानिंग एक साथ होगी। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर शीघ्र ही पंजाब और हरियाणा के साथ इस मुद्दे पर बैठक करने वाले है। सोमवार को दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में वीपी सिंह बदनौर ने कहा कि उनका फोक्स तीनों शहरों को सीसीआर के रूप में डेवलप करने पर होगा।

पंजाब व हरियाणा पहले ही कह चुके है कि केंद्र पहल करे तो चंडीगढ़ कैपिटल रीजन से पूरी ट्राईसिटी का एकसमान विकास होगा। प्रशासन अब इस मुद्दे को केंद्र के सामने भी उठाने जा रहा है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के अनुसार यह पंजाब और हरियाणा के लिए फायदेमंद ही होगा। बदनौर का कहना है कि ट्राईसिटी में सभी बड़े प्रोजेक्टों पर काम इसी को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। ट्राईसिटी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, व‌र्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन, रिंग रोड चंडीगढ़ कैपिटल रीजन को ध्यान में रखकर ही डेवलप किए जा रहे हैं। ट्राईसिटी में हर बड़ी डेवलपमेंट में अब चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली को बराबर का हिस्सेदार बनाएगौ। ट्रांसपोर्ट सिस्टम

ट्राईसिटी के लिए ग्रेटर चंडीगढ़ ट्रासपोर्ट कारपोरेशन को ट्राईसिटी की रोड ट्रासपोर्ट सेवा को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। प्रशासन ने फ्रेंच कंपनी को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम ट्राईसिटी को ध्यान में रखकर ही प्लान करने को कहा है। चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट में भी चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा बराबर के हिस्सेदार है। चंडीगढ़ के रेलवे स्टेशन को व‌र्ल्ड क्लास बनाने की दिशा में भी काम शुरू हो गया है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन देश के उन चुनिंदा रेलवे स्टेशन में शामिल होगा जिन्हें व‌र्ल्ड क्लास बनाया जा रहा है। यहां शापिंग से लेकर इंटरटेनमेंट तक की सुविधाएं होंगी। पानी की जरूरत

पानी की जरूरत के लिए भी ट्राईसिटी के लोग एक दूसरे पर निर्भर है। मोहाली से मिलने वाला पानी चंडीगढ़ के जरिए ही पंचकूला को मिल रहा है। यही नहीं चंडीगढ़ और पंचकूला को मिलने वाली अतिरिक्तपानी की सप्लाई पर भी तीनों मिलकर काम कर रहे है। रिंग रोड पर काम शुरू

ट्राईसिटी में ट्रैफिक जाम और ट्रासपोर्ट की सुविधा बेहतर करने के लिए रिंग रोड पर काम लगभग पूरा होने को है। यह रिंग रोड चंडीगढ़ मोहाली और पंचकूला को कवर करेगी। इन तीनों शहरों के बाहर से होकर यह रिंग रोड गुजरेगी। इससे इन शहरों से क्रॉस होकर जाने वाला ट्रेफिक बड़ी आसानी से शहरों के बाहर से ही निकल जाएगा।

----------------- क्यों जरूरी है सीसीआर

चंडीगढ़ कैपिटल रीजन का गठन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि तीनों ही शहर एक दूसरे पर निर्भर है। पंचकूला और मोहाली के निवासी जहा नौकरी के लिए चंडीगढ़ आते है वहीं एजुकेशन का भी बड़ा हब चंडीगढ़ में ही है। मोहाली और पंचकूला में बड़े कॉलेज नहीं है जोकि वहा की जरूरतें पूरी कर सके। यही नहीं स्कूल एजुकेशन के लिए भी हजारों स्टूडेंट्स चंडीगढ़ आते है। हेल्थ सर्विसेज के लिए जहा कई बड़े गवर्नमेंट हॉस्पिटल चंडीगढ़ में है वहीं कई बड़े प्राइवेट हास्पिटल मोहाली में है। हाउसिंग चंडीगढ़ की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। ऐसे में मोहाली और पंचकूला अफोर्डेबल हाउंसिग के लिए चंडीगढ़ के निवासियों के लिए बेस्ट ऑप्शन है। शापिंग के लिए भी चंडीगढ़ मोहाली और पंचकूला के लोगों के लिए बड़ा हब है। क्या है दिक्कतें

चंडीगढ़ कैपिटल रीजन के रास्ते में अभी सबसे बड़ी दिक्कत बेहतर को-आर्डिनेशन की है। अभी तक अलग अलग मुद्दों और दिक्कतों के लिए तो ट्राईसिटी के अफसर बैठकर चर्चा कर रहे है लेकिन समग्र विकास के लिए कोई एक ढाचा तय नहीं है। चंडीगढ़ का पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट भी इस दिशा में बड़ी दिक्कत है। प्रशासन शहर की पेरीफेरी में बड़े प्रोजेक्टों का विरोध कर रहा है जबकि पंजाब और हरियाणा इसे अपनी जरूरत मानते है। नहीं हुआ तो क्या होगा दुष्परिणाम

आर्किटेक्ट एवं नोमिनेटिड काउंसलर सुरेंद्र बाहगा का कहना है कि यदि ट्राईसिटी को एक साथ डेवलप नहीं किया गया तो इससे समूचा ढाचा चरमरा जाएगा। चंडीगढ़ अपना मास्टर प्लान तैयार कर चुका है। मोहाली और पंचकूला में एजुकेशन और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं हुआ तो इसका बोझ चंडीगढ़ पर बढ़ता जाएगा। इसी प्रकार ट्रासपोर्ट की दिक्कत संयुक्त रूप से हल नहीं हुई तो आने वाले समय में ट्राईसिटी की ट्रासपोर्ट व्यवस्था चरमरा जाएगी और हर तरफ जाम होगा। चंडीगढ़ में लोगों को रहने के लिए घर नहीं मिलेगा। केंद्र के साथ मामला टेकअप करेंगे

प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के अनुसार पंजाब और हरियाणा भी इस मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है। दोनों के साथ बैठक के बाद प्रशासन इसे केंद्र के समक्ष उठाएगा। इस दिशा में काम करने से ट्राईसिटी का समान विकास होगा। ट्राईसिटी की समान डेवलपमेंट से लोगों को फायदा मिलेगा और उनकी दिक्कतें दूर होंगी।

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