चंडीगढ़ आर्ट थिएटर ग्रुप टैगोर थिएटर में करेगा 'बदनाम लोग' और 'सुखा गप्पी' नाटक का मंचन

बदनाम लोग और सुखा गप्पी नाटक का मंचन चंडीगढ़ आर्ट थिएटर ग्रुप द्वारा किया जाएगा। यह दोनों नाटक 26 दिसंबर को प्रदर्शित किए जाएंगे। ग्रुप के कलाकर इन नाटकों का मंचन करेंगे। इन दोनों नाटकों का निर्देशन रंजीत रॉय ने किया है।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 04:13 PM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 04:13 PM (IST)
चंडीगढ़ आर्ट थिएटर ग्रुप टैगोर थिएटर में करेगा 'बदनाम लोग' और 'सुखा गप्पी' नाटक का मंचन
मंचन से पहले नाटक की रिहर्सल करते कलाकार।

चंडीगढ़, जेएनएन। समाज में दो तरह के लोग होते हैं। जिन्हें हम नेगेटिव और पॉजिटिव लाेगों की परिभाषा से जानते हैं। लेकिन हम हमेशा नेगेटिव करने वाले को बुरा बोलते हैं, लेकिन वह किन कारणों से इस काम को कर रहे होते हैं इसे देखने को समझने का कोई प्रयास नहीं करते।

इसी को दिखाने के लिए चंडीगढ़ आर्ट थिएटर 26 दिसंबर शाम छह बजे टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में दो खास नाटक बदनाम लोग और सुखा गप्पी का मंचन करने जा रहा है। जिसमें समाज के दोनों पक्षों को एक साथ दिखाया जाएगा। दोनों नाटक का निर्देशन रंजीत रॉय द्वारा किया जाएगा है।

दोनों नाटकों में समाज के बारे में बहुत कुछ

दोनों ही नाटक 45-45 मिनट के रहेंगे। पहले बदनाम लाेग नाटक का मंचन होगा, जिसमें तीन ऐसे लड़कों की कहानी बताई गई है जो कि गलत काम करते हैं। कुछ समय बाद उन्हें एक लड़की मिलती है जो कि तीनों की बहन बन जाती है। बहन के उनके जीवन में आने के बाद लड़कों के जीवन में सुधार आ जाता है और वह चोरी, गुंडागर्दी के काम को छोड़कर एक आम जीवन जीना शुरू कर देते हैं। उसी समय नाटक में कुछ ऐसे लोगों की एंट्री होगी जो कि समाज के सामने तो नामी व्यक्ति हैं लेकिन वह अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए उन लड़कों का सहारा लेने का प्रयास करते हैं। जब गलत काम का प्रपोजल उन तक आता है तो वह इंकार कर देते हैं, जिससे गुस्सा होकर समाज के इज्जतदार लोग उन्हें जेल भिजवा देते हैं। इसी प्रकार से दूसरे नाटक की कहानी ऐसे लोगों पर आधारित है जिनका खुद का कोई वजूद नहीं होता लेकिन समाज के सामने खुद को बड़ा दिखाने के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। नाटक में उन्हें लोगों के जीवन और सोच को दिखाने का प्रयास किया जाएगा।

समाज में बदलाव की जरूरतः रंजीत रॉय

सुखा गप्पी और बदनाम लोग नाटक का निर्देशन करने वाले रंजीत रॉय ने बताया कि इस समय बदलाव की बहुत ज्यादा जरूरत है। युवा गलत काम करते हैं लेकिन हम उनकी निजी स्थिति को समझने या फिर सुधारने के बजाये हमेशा कोसते हैं और एक समय ऐसा भी आ जाता है कि गलत लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं।

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