कैप्टन खुलकर उतरे आप नेता छोटेपुर के पक्ष में, कहा- बाहरी नेताओं ने छोटेपुर को फंसाया

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह आप के पंजाब कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर के पक्ष में खुलकर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि छोटेपुर को बड़े नेताओं ने फंसाया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 26 Aug 2016 11:56 AM (IST) Updated:Fri, 26 Aug 2016 12:06 PM (IST)
कैप्टन खुलकर उतरे आप नेता छोटेपुर के पक्ष में, कहा- बाहरी नेताओं ने छोटेपुर को फंसाया

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्र्रेस के प्रदेश प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह खुलकर आम आदमी पार्टी के कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर के पक्ष में उतर आए हैं। कैप्टन ने जहां छोटेपुर को ईमानदार व मेहनती नेता बताया हैं। वहीं, पंजाब में बाहर से आए हुए नेताओं संजय सिंह और दुर्गेश पाठक के लग्जरी जीवन को कठघरे में खड़ा कर दिया हैं। उन्होंने कहा कि यह नेता छोटी सी गाड़ी में पंजाब आए थे। आज यह लग्जरी गाडिय़ों में घूम रहे हैं। आखिर दो वर्षों में इतनी तरक्की कैसे हो गई।

छोटेपुर के खिलाफ ङ्क्षस्टग आपरेशन को लेकर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कैप्टन ने कहा, मैं &5 वर्षों से छोटेपुर को जानता हूं। भले ही हमारी सियासी दूरियां हो लेकिन मैं यह मानता हूं कि छोटेपुर ईमानदार व मेहनती नेता हैं। उनके विरुद्ध हुआ स्टिंग आपरेशन स्पष्ट तौर पर पार्टी की अंदरूनी चालबाजी का हिस्सा हैं। जिन्हें बाहरी नेताओं ने प्लान करके अंजाम दिया ताकि अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, दुर्गेश पाठक व आशीष खेतान जैसे लोग पंजाब में पार्टी को दिल्ली, यूपी व हरियाणा से कंट्रोल कर सके।

कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल को संजय ङ्क्षसह व दुर्गेश पाठक जैसे नेताओं के पंजाब में अपना सियासी करियर शुरू करने के बाद उनकी जिंदगी में आए बड़े बदलावों को देखना चाहिए। क्योंकि जब यह पंजाब आए थे तो छोटी सी गाड़ी में बैठ कर आए थे। ये आम व्यक्तियों अब अमीरों वाली लग्जरी गाड़ियों में घूम रहे हैं। अब तो सबके पास लग्जरी एसयूवी गाड़ियां भी हैं। सचमुच बहुत ही बड़ी तरक्की है। साथ ही उन्होंने कहा कि केजरीवाल को पंजाब में दो वर्षों के दौरान खर्च किए गए हजारों करोड़ रुपये का ब्योरा देना चाहिए।

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कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल का चरित्र यूज एंड थ्रो का हैं। सबसे पहले उन्होंने अपने गुरु अन्ना हजारे के ऊपर यही नीति अपनाई। उसके बाद किरण बेदी, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण के साथ भी ऐसा ही किया। छोटेपुर अब अगले शिकार हैं, न कि आखिरी, क्योंकि ऐसी ही एक सूची तैयार हैं। इससे पहले दो सांसदों धर्मवीर गांधी व हरिंदर खालसा के साथ भी यही कुछ किया था। अब यह छोटेपुर के साथ भी ऐसा ही कर रहे हैैं।

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