भाजपा नेता का आरोप, अवैध वेंडरों को पुलिस और नगर निगम का संरक्षण, विजिलेंस करे जांच

चंडीगढ़ में भाजपा नेता संजीव वर्मा ने पुलिस और नगर निगम पर वेंडरों को सरकारी जमीन पर कब्जा दिलाने के आरोप लगा विजिलेंस जांच की मांग की है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 13 Dec 2018 11:36 AM (IST) Updated:Thu, 13 Dec 2018 11:36 AM (IST)
भाजपा नेता का आरोप, अवैध वेंडरों को पुलिस और नगर निगम का संरक्षण, विजिलेंस करे जांच
भाजपा नेता का आरोप, अवैध वेंडरों को पुलिस और नगर निगम का संरक्षण, विजिलेंस करे जांच

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में अवैध तौर से बैठे स्ट्रीट वेंडरों से घूस लेकर सरंक्षण देने का आरोप लगाते हुए शिकायत चीफ विजिलेंस अधिकारी एवं सलाहकार परिमल राय के ऑफिस में पहुंच गई है। यह आरोप भाजपा के ही नेता संजीव वर्मा ने लगाए हैं। वर्मा ने इस पूरे मामले की विजिलेंस जांच करवाने की मांग की है। मंडल अध्यक्ष संजीव वर्मा ने पत्र की एक प्रति गवर्नर हाउस प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को भी भेजी है। उनका कहना है कि नगर निगम ने एक साल पहले 25 हजार के करीब स्ट्रीट वेंडरों का सर्वे किया था, लेकिन इस समय 6500 के करीब स्ट्रीट वेंडर ही हर माह लाइसेंस शुल्क दे रहे हैं। बाकी हजारों वेंडर अवैध रूप से सरकारी जगह पर कब्जा कर धंधा कर रहे हैं।

वर्मा का आरोप है कि नगर निगम और चंडीगढ़ पुलिस के मुलाजिम इनसे मंथली लेकर इनको संरक्षण दे रहे हैं, ऐसे में सरकार को भी टैक्स के रूप में कुछ नहीं मिल रहा, जबकि बाजारों में जिन शोरूम व्यापारियों के आगे यह कब्जा करके बैठे हैं। वे हजारों रुपये टैक्स भर रहे हैं। इनकी वजह से उनका व्यापार खत्म हो गया है।

आम लोगों के लिए नहीं है मार्केट

वर्मा ने पत्र में कहा कि इससे आम लोगों को भी मार्केट में चलने-फिरने के लिए जगह नहीं बची, पार्किंग की जगह पर भी उन्होंने रेहड़ी-फड़ी लगा ली है, जिस कारण लोगों के लिए पार्किंग की समस्या भी बढ़ गई है, ऐसे में लोगों को मजबूरन उन्हें सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है, जिस कारण चंडीगढ़ पुलिस उनका चालान कर देती है।

सरकारी जमीनों पर 50 हजार से अधिक वेंडर

वर्मा ने अपने पत्र में कहा है कि पिछले दो साले वेंडर एक्ट किन कर्मचारियों की वजह से लागू नहीं हुआ, उनके नाम सामने आने चाहिए। शिकायत में यह भी कहा गया है कि कई बाजारों का यह हाल कर दिया है कि वहां पर भीतर दमकल विभाग की गाडिय़ां भी आग के समय नहीं पहुंच सकती है। नगर निगम कह रहा है कि इस समय 6500 रजिस्टर्ड वेंडर हैं, लेकिन हकीकत में इस समय 50 हजार से ज्यादा वेंडर सरकारी जमीनों पर बैठे हैं।

सेक्टर 17, 19, 22 और 15 को बनाओ नो वेंडिंग जोन

वर्मा ने पत्र में मांग की है कि सेक्टर-17, 19, 22 और 15 को नो वेंडिंग जोन बनाया जाए क्योंकि इन बाजारों में पहले ही ज्यादा भीड़ रहती है। मालूम हो कि दैनिक जागरण ने शहर में अतिक्रमण के जाल नाम से अभियान छेड़ा हुआ है। 

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