डेराबस्सी में हाउसिंग प्रोजेक्ट बिल्डर को फायदा पहुंचाने का चल रहा खेल, अधिकारियों को जानकारी नहीं

प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दिन रात धड़ल्ले से काम किया जा रहा है। बिल्डर द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तो लगाया है लेकिन लाखों रुपये बचाने के चक्कर में अपने प्रोजेक्ट से 10 इंच मोटे पाइप डालकर सीवरेज का पानी कमेटी के एसटीपी प्लांट से जोड़ दिया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 01:56 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 01:56 PM (IST)
डेराबस्सी में हाउसिंग प्रोजेक्ट बिल्डर को फायदा पहुंचाने का चल रहा खेल, अधिकारियों को जानकारी नहीं
कमेटी प्रधान रंजीत रेडी व म्युनिसिपल इंजीनियर (ईओ) ने कमल कुमार की शिकायत पर कोई भी कार्रवाई नहीं की।

संदीप कुमार, जीरकपुर। चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर डेराबस्सी फ्लाईओवर के पास चल रहे एक बड़े नामी हाउसिंग प्रोजेक्ट को नगर काउंसिल डेराबस्सी की ओर से नीजी फायदा पहुंचाकर कमेटी को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हालांकि यह प्रोजेक्ट डेराबस्सी कोर्ट में भी विचाराधीन है और कमेटी में इस प्रोजेक्ट के निर्माण को रोकने के लिए शिकायतकर्ता कमल कुमार ने लिखित शिकायत भी दी हुई है। लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी कमेटी प्रधान रंजीत रेडी व म्युनिसिपल इंजीनियर (ईओ) ने कमल कुमार की शिकायत पर कोई भी कार्रवाई नहीं की।

आलम यह है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दिन रात धड़ल्ले से काम किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि इस प्रोजेक्ट के बिल्डर द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तो लगाया हुआ है लेकिन लाखों रुपये बचाने के चक्कर में अपने प्रोजेक्ट से 10 इंच मोटे पाइप डालकर सीवरेज का पानी कमेटी के एसटीपी प्लांट से जोड़ दिया है। जिससे कमेटी को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।

कमेटी को 6 महीने पहले दी थी शिकायत

कमल कुमार निवासी सैनी मोहल्ला डेरबस्सी ने 6 महीने पहले इस हाउसिंग प्रोजेक्ट के खिलाफ शिकायत दी थी। कमल ने बताया था कि उक्त कंपनी नाजायज तौर पर उसकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करना चाहती है। उसे जमाबंदी मिलने पर मालूम हुआ कि उक्त कंपनी की माल रिकार्ड अनुसार अभी तक काई मलकीयत सामने नहीं आई है। बिल्डर द्वारा लेटर आफ कंसेंट के आधार पर कानून का उल्लंघन करते हुए इस जमीन पर निर्माण किया जा रहा है। जबकि उसके अनुसार अभी तक नगर काउंसिल द्वारा इनको निर्माण करने संबंधी कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं और ना ही कोई तसदीकशुदा नक्शा पास किया गया है। शिकायतकर्ता अनुसार उनके सांझे रकबे में जो जगह उन्होंने रास्ते व सांझे इस्तेमाल के लिए रखी थी, जिसमें एक कुंआ भी आता है, उक्त कंपनी द्वारा उस पर कब्जा करके निर्माण शुरू कर दिया गया है।

कमेटी के एसटीपी प्लांट से जोड़ दी सीवरेज की पाइपें

दरअसल इस प्रोजेक्ट में एसटीपी प्लांट तो लगाया गया है लेकिन सीवरेज के पानी के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। सीवरेज के पानी को 10 फीट पाइप के माध्यम से सड़क खोदकर अंडरग्रांउड तरीके से फ्लाईओवर के नीचे से कमेटी के एसटीपी प्लांट से जोड़ा गया है। कानून अनुसार अगर कमेटी के सीवरेज प्लांट का इस्तेमाल करना है तो प्रति फ्लैट सीवरेज चार्जिंग देना पड़ता है जोकि लाखों रुपये बनता है। बिल्डर द्वारा बिना परमीशन के अपना फायदा लेने के लिए इसे सरकारी एसटीपी से जोड़ दिया और कमेटी को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

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"वैसे तो सीएलयू हुआ है पर मुझे पूरा यकीन नहीं है। सभी तरह की जांच करवाई जाएगी। अगर कमेटी के एसटीपी प्लांट से सीवरेज पाइप जोड़ी गई है वह मेरी नॉलेज में नहीं है उसकी भी जांच करवाई जाएगी। अभी बिल्डिंग इंस्पेक्टर को भेजता हूं।

                                                                                               -गुरप्रताप सिंह, म्युनिसिपल इंजीनियर

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"मेरे वार्ड में गैरकानूनी काम हो रहा है मुझे इसका पता नहीं है। मैंने सीवरेज पाइप डालने के लिए कोई प्रस्ताव कमेटी में नहीं डाला। इसकी परमीशन उन्होंने ली या नहीं मुझे इसकी जानकारी ही नहीं है।

                                                                                                     -विक्रांत, पार्षद वार्ड नंबर -19

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"मुझे इस बात का पता नहीं था। यह तो कमेटी को नुकसान है, इसका अभी पता करवा रहा हूं।

                                                                             -रंजीत रेडी, कमेटी प्रधान नगर काउंसिल डेराबस्सी

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