पद्मश्री बलबीर सिंह सीनियर की तबीयत फिर बिगड़ी, आइसीयू में भर्ती Chandigarh News
दिवाली की छुट्टियां होने के चलते पीजीआइ के ज्यादातर सीनियर डॉक्टर छुट्टी पर थे इसलिए आनन फानन में उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
चंडीगढ़, जेएनएन। लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच पद्मश्री बलबीर सिंह सीनियर की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है। सांस लेने में दिक्कत के चलते उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह अभी आइसीयू में हैं। गोल मशीन के नाम से मशहूर बलबीर सिंह सीनियर की बेटी सुशबीर कौर ने बताया कि उनके पिता की सेहत में काफी तेजी से सुधार हो रहा था, लेकिन मौसम बदलने और प्रदूषण के चलते उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। दिवाली की छुट्टियां होने के चलते पीजीआइ के ज्यादातर सीनियर डॉक्टर छुट्टी पर थे, इसलिए आनन फानन में उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। बलबीर सिंह सीनियर का इलाज कर रहे डॉक्टर एके मंडल इससे पहले भी उनका इलाज कर चुके हैं। फिलहाल उनके जरूरी टेस्ट करवाए जा रहे हैं। स्वास्थ जांच की रिपोर्ट आने के आधार पर ही उनका इलाज जारी रखा जाएगा।
उम्र ज्यादा होने से भी हो रही है इलाज में दिक्कत
बलबीर सिंह सीनियर अभी 95 साल के हैं। पिछले साल निमोनिया होने के चलते उनकी तबीयत बिगड़ी थी। तब वह 90 दिन पीजीआइ में भर्ती रहने के बाद पहली जनवरी को घर वापस लौटे थे। उनकी देखभाल के लिए परिवार ने घर में ही आइसीयू बना दिया था, उनकी तबीयत में सुधार भी हो रहा था, लेकिन 17 जून को उन्हें अचानक हार्टअटैक आया। इसके बाद एक बार फिर उन्हें आइसीयू में भर्ती रहना पड़ा। दो महीने फोर्टिस और पीजीआइ में भर्ती रहने के बाद बलबीर सिंह सीनियर फिर घर लौटे थे। जहां उनकी बेटी, नाती कबीर और फिजियोथेरेपिस्ट चांदनी ने उन्हें दोबारा सैर करने के काबिल बना दिया था।
दो महीने पहले नशे के खिलाफ उठाई थी हॉकी
अभी दो महीने पहले ही बलबीर सह ने सीनियर ने नशे के खिलाफ एक बार फिर हॉकी उठाई थी। सेक्टर -36 स्थित अपने घर के बाहर से उन्होंने नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजित की गई पंजाब साइकिल रैली को झंडी दिखाई थी। रैली में मशहूर मॉडल इंदर बाजवा और दूसरे फोटोग्राफर व आर्टिस्ट गुरप्रीत धालीवाल भी शामिल थे। इसी दौरान उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा था कि सरकार युवाओं को खेलों से जोड़े तो वह नशे की ओर कभी नहीं जाएंगे। यह काम जमीनी स्तर पर होना चाहिए। अगर हर बच्चा खेल में व्यस्त रहेगा, तो उसकी संगत अच्छी होगी।
तीन बार ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता टीम के हिस्सा रहे हैं सीनियर
पद्मश्री बलबीर सिंह सीनियर भारत की उन तीन टीमों का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर तिरंगे की शान बढ़ाई। भारत ने लंदन ओलंपिक (1948), हेल्सिंकी ओलंपिक(1952) और मेलबोर्न ओलंपिक (1956) में जीत हासिल की थी। इसके अलावा साल 1975 में बलबीर सिंह सीनियर भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर और चीफ कोच भी रहे हैं। उनके कोच रहते भारतीय हॉकी टीम वर्ल्डकप जीता। साल 1971 में भारत ने पुरुषों के हॉकी वर्ल्डकप में ब्रांज मेडल जीता था। लंदन ओलंपिक 2012 में सदी के चुनिंदा खिलाड़ियों को ओलंपिक कमेटी की तरफ से सम्मानित किया, इसमें एशिया से इकलौते खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर थे। उनकी उपलब्धियों के चलते भारत सरकार ने 1956 में पदमश्री से सम्मानित किया गया। साल 2015 में उन्हें मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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