पंजाब में कैप्‍टन अमरिंदर सरकार का मुश्किलें बढ़ीं, एक और मंत्री नवजोत सिद्धू की राह पर

पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार की कलह समाप्‍त होती नहीं हो रही है। राज्‍य का एक और मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू की राह पर है। ओपी सोनी ने भी नए विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 09:04 AM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2019 06:58 PM (IST)
पंजाब में कैप्‍टन अमरिंदर सरकार का मुश्किलें बढ़ीं, एक और मंत्री नवजोत सिद्धू की राह पर
पंजाब में कैप्‍टन अमरिंदर सरकार का मुश्किलें बढ़ीं, एक और मंत्री नवजोत सिद्धू की राह पर

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार में कलह समाप्‍त नहीं हो पा रहा है। राज्‍य का एक और मंत्री नाराज है व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की राह पर चल पड़ा है। मंत्रियों के विभाग में हुए बदलाव को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा कैबिनेट मंत्री सिद्धू की है। राज्‍य के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश साेनी यानि ओपी सोनी ने भी सिद्धू की तरह अपना विभाग बदले जाने के बाद नए विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है।

सोनी ने भी अपने नए विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है, मेडिकल एजुकेशन संग स्वास्थ्य विभाग भी चाहते हैं

सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग लेकर उनको बिजली विभाग दिया गया था, लेकिन उन्‍होंने अब तक नए‍ विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है। इस पर रोज चर्चा हो रही है, लेकिन कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सोनी के बारे में कोई बात नहीं कर रहा है। उनसे शिक्षा जैसा बड़ा विभाग लेकर उन्हें मेडिकल एजुकेशन विभाग दे दिया गया है। इससे पहले भी उनसे साइंस एंड टेक्नालॉजी विभाग लेकर मुख्यमंत्री ने अपने पास रख लिया था, जिसके अधीन पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी आता है।

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पिछले एक साल में सोनी का दो बार महकमा बदले जाने से वे खासे खफा हैं। उन्होंने भी अपने नए महकमे का चार्ज नहीं लिया है। हालांकि, जानकार सूत्रों के अनुसार उन्होंने गैर रस्मी तौर पर महकमे के सचिव सतीश चंद्रा के साथ मीटिंग कर ली है, लेकिन अभी तक महकमे की फाइलें साइन करनी शुरू नहीं की हैं।

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बताया जा रहा है कि सोनी मुख्यमंत्री पर इस बात को लेकर दबाव बना रहे हैं कि उन्हें या तो स्थानीय निकाय विभाग दिया जाए या फिर मेडिकल एजुकेशन के साथ स्वास्थ्य विभाग भी दिया जाए, जैसा कि पहले ब्रहम मोहिंदरा के पास था। उन्होंने यह दलील भी दी है कि हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन एक ही मंत्री के पास होना चाहिए, क्योंकि दोनों महकमे एक दूसरे के पूरक हैं।

सोनी चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी से नाराज

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने उन्हें कह दिया है कि वह जल्द अपना विभाग ज्वाइन करें। दरअसल इन दिनों मेडिकल कॉलेजों में भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। वहीं नए कॉलेजों को बनाने के प्रोजेक्ट भी निर्माणाधीन हैं। इसके चलते मंत्री को आए दिन बैठकें करनी पड़ती हैं।

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दरअसल सोनी इस बात से भी नाराज हैं कि उनका महकमा बदलवाने में मुख्यमंत्री ने अफसरों की ही सुनी है। उन्होंने मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार को इसके लिए दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने ही उनका महकमा बदलवाया है। वह सुरेश कुमार से डरते नहीं हैं। सिद्धू के बाद उन्होंने भी विभाग के लिए किए गए कामों के बारे में जानकारी देने का दावा किया है। उनका कहना है कि उन्होंने महकमे के लिए इतना काम किया, इसके बावजूद उनका विभाग बदल दिया गया।

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