पंजाब के आंदोलनकारी किसानों को एजी भी नहीं कर पाए संतुष्ट, रेलवे ट्रैक जारी रहेगा धरना

पंजाब में किसानों का आंदोलन जारी है। राज्‍य में अमृतसर सहित कई जगहों पर किसानों का रेलवे ट्रै‍क पर धरना आज भी जारी है। राज्‍य के महाधिवक्‍ता अतुल नंदा भी आंदोलनकारी किसानों को राज्‍य सरकार के कृषि विधेयकों पर संतुष्‍ट नहीं कर सके।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 04 Nov 2020 08:52 AM (IST) Updated:Wed, 04 Nov 2020 08:52 AM (IST)
पंजाब के आंदोलनकारी किसानों को एजी भी नहीं कर पाए संतुष्ट, रेलवे ट्रैक जारी रहेगा धरना
अमृतसर में रेल ट्रैक पर धरना दे रहे आंदोलनकारी किसान।

चंडीगढ़,जेएनएन। पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसान आज भी कई जगहाें पर रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे हैं। किसान निजी थर्मल पावर प्‍लांटों की ओर जानेवाले रेल ट्रैक पर धरना दे रहे हैं। दूसरी ओर, किसान पंजाब सरकार के कृषि विधेयकों को लेकर राज्‍य के महाधिवक्‍ता (एजी) अतुल नंदा के तर्कों से भी संतुष्‍ट नहीं हैं ।

30 किसान संगठनों से अलग अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर धरना दे रही किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के पदाधिकारी भी पंजाब सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों को बेअसर करने के लिए पारित किए गए कानूनों से संतुष्ट नहीं हैं। पंजाब भवन में पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल (एजी) अतुल नंदा व कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ इस संगठन के प्रतिनिधियों की बैठक हुई।

एडवोकेट अतुल नंदा ने बताया कि किसान संगठन के प्रतिनिधियों की जो भी शंकाएं थी, उसे दूर किया गया। उन्हें बिल के बारे में पूरी जानकारी दी गई। परंतु किसान संगठन ने स्पष्ट कर दिया कि विधानसभा में पारित बिलों से किसानों की रक्षा नहीं की जा सकती है। उनका संघर्ष जारी रहेगा।

बैठक में कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किसानों को मालगाडिय़ों का परिचालन बंद होने के कारण हो रहे नुकसान से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि कोयला न आने से थर्मल प्लांट बंद हो गए हैं और राज्य में उद्योग जगत का बुरा हाल है।

बैठक के बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि एडवोकेट जनरल ने भले ही अपनी बात रखी है लेकिन हम इस बात से बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रखते हैैं। क्योंकि इन बिलों को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलेगी इस पर संदेह है। इसलिए कमेटी अपना आंदोलन जारी रखेगी। सरकार ने रेलवे ट्रैक से धरना हटाने की अपील की है। हालाकि हमारा संगठन पहले ही 6 नवंबर तक अपना आंदोलन जारी रखने का एलान कर चुका है, लेकिन सरकार की अपील पर पांच नवंबर को बैठक कर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका संगठन देशव्यापी चक्का जाम में भी हिस्सा लेगा और पूरे प्रदेश में 42 स्थानों पर चक्का जाम किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी