चंडीगढ़ निगम चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में बढ़ी गुटबाजी, युकां अध्यक्ष बोले- पार्टी में बदलाव की जरूरत

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव हारने के बाद कांग्रेस पार्टी में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनोज लुभाना ने पार्टी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए स्थानीय नेताओं की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 30 Dec 2021 10:34 AM (IST) Updated:Thu, 30 Dec 2021 10:34 AM (IST)
चंडीगढ़ निगम चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में बढ़ी गुटबाजी, युकां अध्यक्ष बोले- पार्टी में बदलाव की जरूरत
मनोज लुबाना ने कांग्रेस नेताओं द्वारा उम्मीदवार तय करने पर भी सवाल खड़े किए हैं।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव हारने के बाद कांग्रेस पार्टी में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनोज लुभाना ने पार्टी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए स्थानीय नेताओं की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में अब कांग्रेस में गुटबाजी भी शुरू हो गई है। इस बार टिकट वितरण में युवा कांग्रेस की नहीं चली, जिससे अध्यक्ष पार्टी नेताओं से नाराज चल रहे थे। वहीं, कांग्रेस 35 में से आठ सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई है।

अब निगम चुनाव में कांग्रेस की हार पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनोज लुभाना ने सवाल उठाए हैं। लुभाना ने चुनाव के लिए उम्मीदवारों को टिकट देने पर कहा कि टिकट वितरण में भारी खामी थी। जबकि जीत के लिए मंच तैयार था। नगर निगम में कांग्रेस की वापसी तय थी लेकिन नेतृत्व के गलत फैसलों की कीमत पार्टी पर भारी पड़ी। इस बार भाजपा के खिलाफ शहर में कई मुद्दे थे। जिसमें स्वच्छता रैकिंग और महंगाई का मुद्दा अहम था। बावजूद पार्टी को टिकट वितरण में आंतरिक संघर्ष के कारण नुकसान झेलना पड़ा। बेहतर भविष्य के लिए चंडीगढ़ कांग्रेस इकाई को बदलने का समय आ गया है।

लुभाना का कहना है कि पार्टी नेताओं ने नामांकन दाखिल करने से दो दिन पहले उम्मीदवार तय करने में देरी की जिस कारण भी कांग्रेस के उम्मीदवार जीत नहीं पाए। उस हिसाब से उम्मीदवारों को प्रचार करने के लिए समय नहीं मिला। जिन्हें टिकट नहीं दी गई है उनकी नाराजगी भी दूर नहीं की गई, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। टिकट वितरण कमेटी की बैठक में भी लुभाना की उम्मीदवारों के चयन को लेकर नेताओं के साथ जमकर बहस हुई थी।

बता दें कि कांग्रेस ने जब उम्मीदवार घोषित की थी उस समय कई नेता नाराज हो गए थे, जिसमें शशि शंकर तिवारी, शीला फूल सिंह, प्रेम पाल चौहान, इंटक के पूर्व अध्यक्ष कुलबीर सिंह और प्रेम पाल चौहान का नाम शामिल है। लुभाना का कहना है कि इस सब बातों सबक लेने की जरूरत है और उन सभी पर कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने पार्टी को जीत से वंचित रखा है।

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