अब डिग्री काफी नहीं, इंडस्ट्री की मांग के अनुसार युवाओं को करनी होगी तैयारी

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 2014 में आईबीएम के साथ हाथ मिलाकर कई इंजीनियरिंग कोर्स शुरू किए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Jul 2018 04:46 PM (IST) Updated:Tue, 10 Jul 2018 04:46 PM (IST)
अब डिग्री काफी नहीं, इंडस्ट्री की मांग के अनुसार युवाओं को करनी होगी तैयारी
अब डिग्री काफी नहीं, इंडस्ट्री की मांग के अनुसार युवाओं को करनी होगी तैयारी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आरएस बावा ने कहा कि नौकरी के लिए अब सिर्फ डिग्री होना ही काफी नहीं है। युवाओं की तैयारी इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से करनी जरूरी है। इंडस्ट्री के हिसाब से ही विभिन्न कोर्स को तैयार करना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 2014 में आईबीएम के साथ हाथ मिलाकर कई इंजीनियरिंग कोर्स शुरू किए। इन कोर्स का फायदा ये हुआ कि 86 फीसद युवाओं की कैंपस प्लेसमेंट हुई। बावा ने सोमवार को सेक्टर-27 स्थित प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

इस मौकेपर आबीएम इंडिया एंड साउथ एशिया के वाइस प्रेसिडेंट और हेड चैत्नय एन श्रीनिवास सहित चंड़ीगढ़ यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेसिडेंट डीपी सिंह भी मौजूद थे। वीस डॉ. बावा ने बताय कि आइबीएम और चंडीगड़ यूलिवर्सिटी घड़ूंआ का गठजोड़ उद्योग-अकादमी समझौतों के लिए मिसाल साबित हुआ। डॉ.बावा के अनुसार बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग कोर्स में क्लाउड, बिग डाटा, एनालिटिक्स, इंफॉरमेशन सिक्योरिटी और एमबीए कोर्स आइबीएम के साथ मिलकर शुरू किए गए। उन्होंने बताया कि इन कोर्स में करीब 500 स्टूडेंट ने दाखिला लिया। उन्होंने बताया कि इन कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की लैब के अलावा इंडस्ट्री का प्रेक्टिकल एक्सपीरियंस भी मिला है। इन कोर्स की आज की इंडस्ट्री में काफी डिमाड है। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को 31.77 लाख तक के पैकेज ऑफर हुए हैं,जोकि एक रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि इन कोर्स के लिए हाईटैक लैब की जरूरत होती हैं,जोकि यूनिवर्सिटी में स्थापित की गई हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। आइबीएम वाइस प्रेसिडेंट श्रीनिवास ने कहा कि चंड़ीगढ़ यूनिवर्सिटी के साथ किए समझौते का स्टूडेंट्स को काफी लाभ मिला है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी वाइस प्रेसिडेंट डीपी सिंह ने कहा कि बदले वक्त के साथ पढ़ाई के सिस्टम में भी बदाव जरूरी ह। इसी को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी ने आईबीएम के साथ टाइअप किया है।

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