45 लाख खर्चने के बावजूद सुखना पर सूखे का कहर बरकरार, पानी की व्यवस्था बरसात भरोसे
सुखना लेक में इस बार ट्यूबवेल से पानी नहीं डाला जा रहा है। सुखना इस बार पूरी तरह से बरसात के भरोसे रहेगी।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। सुखना लेक में इस बार ट्यूबवेल से पानी नहीं डाला जा रहा है। सुखना इस बार पूरी तरह से बरसात के भरोसे रहेगी। दो साल पहले 45 लाख रुपये खर्च कर जो पाइप लाइन बिछाई गई थी। उसका भी कोई फायदा सुखना लेक को नहीं हो रहा है। प्रशासन ने सुखना का जलस्तर मेंटेन करने के लिए ही यह पाइप लाइन बिछाई थी। जिसमें गोल्फ रेंज और इसके आसपास के कई ट्यूबवेल का पानी इस पाइप लाइन से सुखना में डालने की शुरुआत हुई थी। अगर इस साल बरसात औसत से कम हुई तो प्रशासन का यह फैसला उल्टा पड़ सकता है। गर्मी बढ़ने के साथ सुखना का जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। अगले दो महीने में 5 फीट तक जलस्तर गिरेगा। तापमान बढ़ने के साथ ही जलस्तर भी तेजी से नीचे आने लगता है। ऐसे में अब पाइप लाइन से पानी डालकर जलस्तर को कम होने से कुछ हद तक रोका जा सकता था।
पिछले साल खोलने पडे़ थे फ्लड गेट
हालांकि पिछले साल जमकर बरसात होने से दस साल बाद सुखना के फ्लड गेट खोलने पड़े थे। सुखना का जलस्तर 1163 फीट को पार कर गया था। इस स्थिति में पानी खोलना ही पड़ता है। अभी सुखना का जलस्तर 1155 फीट के आसपास आ चुका है। जून तक इसके गिरकर 1150 तक आने की आशंका जताई जा रही है।
2017 में बोटिंग तक करनी पड़ी थी बंद
साल 2017 सुखना के लिए बेहद खराब रहा था। सुखना इतनी सूख गई थी कि बीच में से रास्ता बन गया था। लोग सूखे हिस्से पर वॉक करने लगे थे। नौबत यहां तक आ गई थी कि बोटिंग तक को बंद कर दिया था। जलस्तर गिरकर 1148 से भी नीचे पहुंच गया था। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सुखना का संज्ञान लेते हुए प्रशासन को जमकर फटकार लगाई। फटकार के बाद ही प्रशासन ने पाइप लाइन के जरिये सुखना में पानी डाला था। एसटीपी का काम भी लटका सुखना को भरने के लिए गांव किशनगढ़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किया जाना है। इसकी तैयारियां भी हो चुकी हैं। लेकिन अभी तक एसटीपी का काम शुरू नहीं हुआ है। इस एसटीपी से ट्रीटेड वाटर सुखना में डाला जाएगा। जिससे यह कभी नहीं सूखेगी। लेकिन अभी इसके लिए इंतजार करना होगा।
पिछले साल खोलने पडे़ थे फ्लड गेट
हालांकि पिछले साल जमकर बरसात होने से दस साल बाद सुखना के फ्लड गेट खोलने पड़े थे। सुखना का जलस्तर 1163 फीट को पार कर गया था। इस स्थिति में पानी खोलना ही पड़ता है। अभी सुखना का जलस्तर 1155 फीट के आसपास आ चुका है। जून तक इसके गिरकर 1150 तक आने की आशंका जताई जा रही है।
2017 में बोटिंग तक करनी पड़ी थी बंद
साल 2017 सुखना के लिए बेहद खराब रहा था। सुखना इतनी सूख गई थी कि बीच में से रास्ता बन गया था। लोग सूखे हिस्से पर वॉक करने लगे थे। नौबत यहां तक आ गई थी कि बोटिंग तक को बंद कर दिया था। जलस्तर गिरकर 1148 से भी नीचे पहुंच गया था। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सुखना का संज्ञान लेते हुए प्रशासन को जमकर फटकार लगाई। फटकार के बाद ही प्रशासन ने पाइप लाइन के जरिये सुखना में पानी डाला था। एसटीपी का काम भी लटका सुखना को भरने के लिए गांव किशनगढ़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किया जाना है। इसकी तैयारियां भी हो चुकी हैं। लेकिन अभी तक एसटीपी का काम शुरू नहीं हुआ है। इस एसटीपी से ट्रीटेड वाटर सुखना में डाला जाएगा। जिससे यह कभी नहीं सूखेगी। लेकिन अभी इसके लिए इंतजार करना होगा।