पीजीआइ में लैब टेक्नीशियंस के 20 प्रतिशत पद खाली

पीजीआइ लैब टेक्नीशियंस की कमी से जूझ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Jun 2019 10:36 PM (IST) Updated:Fri, 07 Jun 2019 10:36 PM (IST)
पीजीआइ में लैब टेक्नीशियंस के 20 प्रतिशत पद खाली
पीजीआइ में लैब टेक्नीशियंस के 20 प्रतिशत पद खाली

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ लैब टेक्नीशियंस की कमी से जूझ रहा है। इंप्लाई यूनियन ने कैट के निर्णय का हवाला देते हुए प्रबंधन के रवैये पर आक्रोश व्यक्त किया है। प्रबंधन से कहा है कि टेक्नीशियनों की भर्ती आरंभ कर जनता की तकलीफों को दूर करें। पीजीआइ इंप्लाई यूनियन के प्रेसिडेंट व मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अश्विनी मुंजाल का कहना है कि अकेले लैब कैडर के लगभग 20 प्रतिशत पद 2 साल से अधिक समय से खाली हैं। इससे दूर-दूर से आने वाले मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। रिजल्ट आने के बाद भी प्रक्रिया ठप

लगभग 70-75 पदों की भर्ती जून, 2015 में की गई थी। दिसंबर 2018 में लैब कैडर के 62 पदों का विज्ञापन किया गया। लिखित परीक्षा में 3 महीने से अधिक की देरी हुई थी, जो 27 अप्रैल, 2019 को आयोजित की गई थी। एक मई को लिखित परीक्षाओं का परिणाम घोषित हो चुका है। अश्विनी मुंजाल ने बताया कि अब करीब डेढ़ महीने का समय बीत रहा है, लेकिन तैनाती की प्रक्रिया ठप है। काम के दबाव से तनाव में कर्मचारी

इंप्लाई यूनियन ने पीजीआइ प्रशासन से अपील की है कि वह लैब कैडर के 62 पदों को भरने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम घोषित करें। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर रोगियों, जनता और कर्मचारियों के प्रति अपने कानूनी और नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन करें। यूनियन के प्रेसिडेंट के मुताबिक मौजूदा कर्मचारियों पर बोझ अधिक बढ़ गया है। कर्मचारियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें अर्जित अवकाश और बाल देखभाल अवकाश ( चाइल्ड केयर लीव ) जैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। लैब में कर्मचारी की जगह छात्र न्यू ओपीडी में सैंपल कलेक्शन कर रहे हैं, सेंटर को पिछले 6-7 वर्षो से अधिक समय से अतिरिक्त स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया गया है, जबकि कार्यभार कई गुना बढ़ गया है।

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