रेंट डिपार्टमेंट की मेहरबानी, आंखें बंदकर अलाटमेंट

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के रेंट डिपार्टमेंट की मेहरबानी कि स्वास्थ्य विभाग में चार साल पहले स

By Edited By: Publish:Sun, 26 Jun 2016 10:31 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2016 10:31 PM (IST)
रेंट डिपार्टमेंट की मेहरबानी, आंखें बंदकर अलाटमेंट

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के रेंट डिपार्टमेंट की मेहरबानी कि स्वास्थ्य विभाग में चार साल पहले सेवानिवृत्त हो चुका कर्मचारी बिना किराया दिए हुए भी सेक्टर-46 में बने सरकारी मकान में रह रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है लेकिन हैरत की बात है कि इस मामले को आरटीआइ में रेंट डिपार्टमेंट के द्वारा स्वयं माना भी है लेकिन उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

17 साल के बाद खाली करना था मकान

स्वास्थ्य विभाग में सफाई कर्मचारी का काम करने वाले रमेश कुमार को यह महान 10 अप्रैल, 1995 को दिया गया था, उसके बाद 1 मार्च, 2012 को सेवानिवृत्त हो गया था। नौकरी करने के दौरान सत्रह साल तक रमेश कुमार इस मकान में रहा है। सेवानिवृत्त होने के तीन महीने के अंदर मकान को खाली करना होता है लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी मकान खाली नहीं हो पाया और न ही उसका इस समय विभाग को कोई किराया दिया जा रहा है।

विभाग ने माना नहीं मिल रहा किराया

यूटी कैडर यूनियन के द्वारा जो आरटीआइ के माध्यम से मामले की जानकारी मांगी गई तो विभाग ने लिखित में माना है कि इस मकान का पिछले चार साल से कोई किराया नहीं मिल रहा है, इसके अलावा इस मकान में रहने के लिए किसी आला अधिकारी से मंजूरी भी नहीं ली गई है।

नए अलॉटी को हो रही है परेशानी

विभाग के द्वारा रमेश कुमार के सरकारी मकान सेवानिवृत्ति के बाद किसी दूसरे कर्मचारी को अलॉट कर दिया गया है लेकिन जब तक रमेश कुमार इसमें रह रहे हैं तब तक नया अलॉटी इसमें आने के लिए परेशान हो रहा है।

जांच की उठाई मांग

आरटीआइ के द्वारा मिली जानकारी के बाद यूटी कैडर के प्रेसिडेंट सवर्ण सिंह कंबोज ने प्रशासन और रेंट डिपार्टमेंट से अपील की है कि मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और जो भी मामले में मिलीभगत हुई है उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी मकान का चार साल का किराया और उसके बाद नियमों का उल्लंघन करके रहना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के बराबर है। उन्होंने प्रशासन से भी मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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