यहां बदल जाती है पुलिस के प्रति सारी धारणा, जनाब यह है देश का पहला स्मार्ट व फ्रेंडली थाना

बठिंडा के सिविल लाइन थाना आने पर आपकी पुलिस के प्रति धारणा बदल जाएगी। यह देश का पहला स्‍माट और फ्रेंडली थाना बन गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 24 Aug 2019 10:32 AM (IST) Updated:Sat, 24 Aug 2019 11:08 AM (IST)
यहां बदल जाती है पुलिस के प्रति सारी धारणा, जनाब यह है देश का पहला स्मार्ट व फ्रेंडली थाना
यहां बदल जाती है पुलिस के प्रति सारी धारणा, जनाब यह है देश का पहला स्मार्ट व फ्रेंडली थाना

बठिंडा, जेएनएन। पुलिस और थाने का यह रूप किसी सरप्राइज से कम नहीं। बठिंडा का सिविल लाइन थाना यहां आने वालों को चकित कर देता है और अब तक पुलिस के बारे में जारी धारणा को झुठला देता है। यह देश का पहला स्मार्ट व फ्रेंडली थाना है। इसे यह सर्टिफिकेट फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) ने दिया है। अभी तक संस्था की तरफ से देश के किसी भी थाने को यह अवॉर्ड नहीं दिया गया।

फिक्की ने दिया सर्टिफिकेट, फीलगुड करवाने के लिए हर तरह की सुविधाएं हैं इस थाने

इसकी पुष्टि बठिंडा रेंज के आइजी एमएफ फारूकी ने की। उन्होंने बताया कि इस थाने का उद्घाटन 11 दिसंबर 2018 को उन्होंने व एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने किया था। इस थाने में समस्या लेकर आने वाले लोगों के लिए हर तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। यहां कोई पुलिस कर्मी बदतमीजी नहीं करता और लोगों की शिकायत बेहद प्यार से दोस्‍ताना माहौल में सुनता है।

यहां किसी को मुंशी के पास चक्कर नहीं लगाने पड़ते। अगर अधिकारियों के व्यस्त होने के कारण लोगों को प्रतीक्षा करनी पड़ जाए तो उसके लिए एयरकंडीशन वेटिंग रूम हैं। वहां एलडी तक लगी है। कुल मिलाकर यहां आने वाले लोगों को फीलगुड करवाया जाता है। अहसास करवाया जाता है कि पुलिस उनके दोस्त की तरह है। आइजी ने बताया कि अब रामा रिफाइनरी के सहयोग से चार अन्य थानों को भी स्मार्ट बनाया जाएगा।

 

पुलिस की भाषा में रौब नहीं सम्मान

बकौल आइजी, पुलिस व जनता का आपसी सहयोग बढ़े और किसी को प्रकार की परेशानी न हो, उसके लिए मेन गेट पर सूझवान पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया है। यहां फरियादी को रौब नहीं झाड़ा जाता। मधुर भाषा का प्रयोग कर सम्मान दिया जाता है। अलग से हेल्प डेस्क भी बना है जो महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग हैं।

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नहीं होता कोई भेदभाव 

एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने बताया कि सुविधाओं के लिए इस थाने को छह सेक्शन में बांटा गया है। थाना प्रभारी का कार्यालय भी ऐसा बना है जहां से अंदर बैठे उसे पूरा थाना व पब्लिक नजर आती है।

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थाने में यह है खास

- मुंशी के पास चक्कर नहीं लगाने पड़ते। कारपोरेट हाउस की तरह सेक्शन काउंटर लगे हैं।

- रिसेप्शन के बाद पुलिस अफसरों तक पहुंचते हैं फरियादी।

- बैठने के लिए एसी वेटिंग रूम, उसी में लगाई गई है एलईडी।

- बिजली बचते के लिए सोलर पैनल लगा है। थाने को इसी से मिलती है पूरी बिजली।

- पुलिस कर्मी लोगों से प्यार से पेश आते हैं, जिससे उनको अपनापन लगे।

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