आनंद उत्सव में लोगों को बताई ध्यान व प्राणायाम की कला

आर्ट ऑफ लिविग द्वारा आनंद उत्सव का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 17 Aug 2019 05:31 PM (IST)
आनंद उत्सव में लोगों को बताई ध्यान व प्राणायाम की कला
आनंद उत्सव में लोगों को बताई ध्यान व प्राणायाम की कला

जासं, बठिडा : आर्ट ऑफ लिविग द्वारा आनंद उत्सव का आयोजन किया गया। संस्था के राज्य मीडिया प्रभारी मधु पंडित ने बताया कि इस आनंद उत्सव में लोगों को ध्यान व प्राणायाम की कला बताते हुए जीवन मे परेशानियों से परे रहने के गुर सिखाए गए। प्रकृति में हर चीज एक लय में चलती है उसी प्रकार मनुष्य की सांसें भी लय में है। लेकिन आज मनुष्य ने अधिक व्यस्तता के कारण उसे बिगाड़ दिया है व अनेक तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जैसे शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए व्यायाम जरूरी है वैसे ही मन की सफाई के लिए सुदर्शन क्रिया जरूरी है।

उन्होंने कहा कि हमें मानव जीवन के प्रकृति व जीवन दोनों का तालमेल जरूरी है, ज्यादातर हमारे विचलित रहने का कारण मन का भूतकाल और भविष्य में घूमते रहना है। अगर हम वर्तमान में रहकर कार्य करें अधिकतर कार्य हम बड़े अच्छे ढंग से कर पाएंगे। इसी के साथ हमें सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए वातावरण को बचाना होगा। ताकि भविष्य सुरक्षित रह सके। इसके लिए हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए क‌र्त्तव्य निर्वहन करना होगा।

संस्था के बठिडा जिला प्रभारी संदीप अग्रवाल ने बताया कि बठिडा में हैपीनेस सेंटर, थर्मल कालोनी, गोनियाना मंडी में सुबह व शाम को हुए इस शिविर में लोगों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। इसके बाद लोगों ने अपना तुजुर्बा सांझा करते हुए बताया कि सुदर्शन क्रिया व प्राणायाम करने से मानसिक व शारीरिक रूप से तनाव मुक्त हुए है।

इस मौके पर आर्ट ऑफ लिविग के टीचर सुमित अरोड़ा, चिरंजीव सोई, राहुल गर्ग, नीतू अरोड़ा, डॉक्टर निधि गुप्ता, संजीव गर्ग, अवंतिका सेमवाल, आकाश मेहता, बिनाली मेहता, मनीषा मित्तल, सरबजीत सिंह, दिनेश गोयल आदि मौजूद थे।

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