एम्स की सितंबर के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाएगी ओपीडी

एम्स में सितंबर के प्रथम सप्ताह से ओपीडी आरंभ हो जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Jul 2019 06:34 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jul 2019 06:30 AM (IST)
एम्स की सितंबर के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाएगी ओपीडी
एम्स की सितंबर के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाएगी ओपीडी

जागरण संवाददाता, बठिडा :

बठिडा में निर्माणाधीन ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में सितंबर के प्रथम सप्ताह से ओपीडी आरंभ हो जाएगी। जबकि जून 2020 महीने तक इसका निर्माण कार्य सौ फीसद मुकम्मल हो जाएगा। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइसेंज फरीदकोट में जो एमबीबीएस की क्लास चल रही है, वह भी एक जनवरी से यहां पर शिफ्ट हो जाएगी। एम्स के चालू हो जाने से न केवल मालवा क्षेत्र, बल्कि पूरे पंजाब के अलावा पड़ोसी राज्य हरियाणा और राजस्थान के लोगों को भी बड़ी सेहत सहूलियत मिल जाएगी। यह बात केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सोमवार को निर्माणाधीन एम्स कार्य का जायजा लेने के उपरांत पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कही।

प्रधानमंत्री या स्वास्थ्य

मंत्री करेंगे उद्घाटन

केंद्रीय मंत्री ने दौरे के दौरान इसके निर्माण कार्य में लगे हुए इंजीनियर्स से बातचीत करके विस्तार सहित जानकारी हासिल की। इस दौरान इंजीनियरों ने बताया कि निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। केंद्रीय मंत्री ने बिजली सप्लाई को लेकर मौजूद अधिकारियों और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर से फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि सितंबर के प्रथम सप्ताह इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर संबंधित स्वास्थ्य मंत्री की ओर से किया जाएगा। उन्होंने एम्स को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार के रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यहां राज्य के मुख्यमंत्री का आना तो दूर, स्वास्थ्य मंत्री या वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने भी चक्कर नहीं लगाया है। इतना ही नहीं कि जिला प्रशासन के अधिकारी भी यहां पर आकर किसी तरह की परेशानी या दिक्कतों के बारे में भी नहीं जान रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार

के लिए सरकार को घेरा राज्य सरकार का एम्स के प्रति ऐसा रवैया है, जैसे यह बादल परिवार की अपनी कोई बिल्डिंग बन रही हो। एक सवाल के जवाब में उन्होंने क्षेत्र में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भी राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के अपने हलके में ही उनकी नाक के नीचे महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के मामले में आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बीते रविवार को एक दहेज पीड़ित महिला उन्हें मिली, जिसके दोनों हाथ और पांव आग लगाने की घटना में जल जाने के कारण इंफेक्शन से बचाने के लिए डाक्टरों की ओर काटे जा चुके हैं। इंसाफ के लिए दर दर भटक रही। इसी तरह एक दुष्कर्म पीड़िता भी पिछले बीस दिनों से इंसाफ के लिए चक्कर काट रही है। लेकिन एसएसपी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। वह महिलाओं पर अत्याचारों के इन मामले में पहले सीएम को लिखेंगी और अगर फिर भी कार्रवाई नहीं हुई तो उसे होम मिनिस्ट्री के पास उठाएंगी। इसी कारण उन्होंने इन मामलों की राष्ट्रीय महिला आयोग के पास शिकायत की है। जोकि संभवत मंगलवार को बठिडा का दौरा करेंगी। निर्माण में जांच के बाद हो रहा ईंटों का प्रयोग

इस दौरान पत्रकारों ने एम्स के निर्माण में इस्तेमाल हो रही निम्न स्तरीय ईंटों का मुद्दा भी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के समक्ष उठाया। उन्हें बताया गया कि निर्माण में पिल्ली ईंटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं। ईंटों की जांच के बाद ही इस्तेमाल किया जाता है।

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