ऑनलाइन डाटा चोरी कर उसी नाम के लोगों का बनता था फर्जी कार्ड
शिदरपाल सिंह ने इंटरनेट से आयुष्मान योजना स्कीम में कवर होने वाले लोगों का डाटा चोरी कर रखा था।
जासं, बठिडा : आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना के फर्जी कार्ड बनाने के आरोप में पकड़ा गया फिरोजपुर के ब्लॉक गुरुहरसहाय के गांव हडीवाला के रहने वाले शिदरपाल सिंह ने इंटरनेट से आयुष्मान योजना स्कीम में कवर होने वाले लोगों का डाटा चोरी कर रखा था। इसके जरिए वह स्कीम में कवर होने वाले लोगों के आधार कार्ड का नंबर लेकर उनका यूनिक हाई सिक्योरिटी नंबर चोरी करता था और उनके फ्रिगर प्रिट लेकर उनके कार्ड पर उसी नाम के व्यक्ति का कार्ड बनाकर उन्हें 500-500 रुपये में बेच देता था। आरोपित छिदरपाल सिंह यह काम पिछले तीन-चार माह से कर रहा था। वह कार्ड बनाने का काम अपने घर पर ही करता था। इसके लिए उसने दो लैटपॉट रखे थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपित बठिडा में 100 से ज्यादा फर्जी कार्ड बना चुका है। बनाए गए कार्डों की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। कार्ड पर कोई फोन नंबर या पता नहीं होने के कारण पुलिस उनका रिकार्ड जुटाकर उनकी जांच करने और उन्हें रद करने की प्रकिया शुरू करने की बात कह रहे हैं। वहीं शुक्रवार को थाना सिविल लाइन पुलिस ने आरोपित छिदरपाल सिंह को अदालत में पेश किया, जहां से आरोपित को ज्यूडिशियल रिमांड के लिए केंद्रीय जेल बठिडा भेज दिया गया है। डोर टू डोर सर्विस देता था
आरोपित छिदरपाल
मैट्रिक पास आरोपित छिदरपाल सिंह को कंप्यूटर की अच्छी जानकारी होने के कारण उसने करीब दो से तीन माह पहले यह फर्जी कार्ड बनाने का काम शुरू किया था। बताया जा रहा है कि पहले उसने फिरोजपुर एरिया में इस स्कीम के कुछ फर्जी कार्ड बनाए थे, जिसके बाद उसका संपर्क बठिडा में ऐसे कुछ लोगों से हुआ, जोकि आयुष्मान योजना का कार्ड बनवाना चाहते थे, लेकिन वह स्कीम में कवर नहीं होते थे। ऐसे में आरोपित उनका फायदा उठाते हुए उनसे 500-500 रुपये लेकर उनके कार्ड बनाने शुरू कर दिए। इसके बाद वह डोर-टू-डोर जाकर लोगों को सर्विस देने लगा और ज्यादा तरह लोग आरोपित से वह लोग संपर्क करने लगे, जिनके स्कीम के तहत कार्ड नहीं बनते थे। बताया जा रहा है कि वह लोगों को अपने झांसे में लेता और किसी ओर के कार्ड पर उनकी फोटो लगाकर उन्हें फर्जी कार्ड बनाकर दे देता। बीती वीरवार को जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो वह अजीत रोड पर स्थित एक घर पर कार्ड बना रहा था और उसके पास से करीब नौ फर्जी कार्ड के अलावा दो लैपटाप भी बरामद किए गए। लाभार्थी लोगों का डाटा चोरी कर कार्ड बनाने में करता था इस्तेमाल पुलिस की तरफ से अब तक की गई जांच में सामने आया है कि आरोपित उन लोगों का ऑनलाइन डाटा चोरी करता था, जोकि स्कीम में कवर होते है और अब तक उन्होंने अपने कार्ड नहीं बनाएं हुए। उनके पास आने वाले लोगों के आधार कार्ड नंबर से वह स्कीम के लाभार्थी लोगों के यूनिक हाई सिक्योरिटी नंबर चोरी कर लेता था, जिसके बाद वह उसकी सिक्योरिटी नंबर की मदद से उस कार्ड के नाम के व्यक्ति के कार्ड पर किसी अन्य व्यक्ति की फोटो लगाकर उनका कार्ड बना देता था। इतना ही नहीं आरोपित छिदरपाल सिंह दो लैपटॉप साथ में लेकर बठिडा आता था। इसके बाद वह शहर के विभिन्न एरिया में जाकर लोगों को बुलाकर पूछता था कि उनको आयुष्मान कार्ड बनवाना है। अगर लोग हां कर देते थे तो आरोपित उस व्यक्ति के घर में ही बैठकर फर्जी कार्ड बना देता था और उसके बदले वह पैसे वसूलता था।
कई दिनों से मिल रही थी शिकायतें : पवनदीप ग्रोवर
सीएससी सेंटर संचालक व मामले के शिकायतकर्ता पवनदीप ग्रोवर ने बताया कि उनके समेत अन्य सेंटर संचालकों को पिछले कुछ समय से लगातार शिकायतें मिल रही थी कि फिरोजपुर का रहने वाला एक युवक आयुष्मान सेहत बीमा योजना के फर्जी कार्ड बनाकर लोगों को दे रहा है। इसके बदले में वह लोगों से पैसे वसूल रहा है। वह उन लोगों को भी कार्ड बनाकर दे रहा है, जोकि इस स्कीम के अंतर्गत नहीं आते। उन्होंने बताया कि सेंटर संचालकों ने कई बार उक्त व्यक्ति को मौके पर फर्जी कार्ड बनाते पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह हर बार बचकर निकल जाता था, लेकिन बीते दिनों उन्हें सूचना मिली कि उक्त व्यक्ति अजीत रोड में किसी घर में बैठकर कार्ड बना रहा है। सूचना के आधार पर उन्हें थाना सिविल लाइन पुलिस को साथ लेकर मौके पर छापामारी की और उसे रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद थाना सिविल लाइन पुलिस ने आरोपित पर मामला दर्ज कर लिया था। झांसे में आकर फर्जी
कार्ड न बनवाएं
पवनदीप ग्रोवर ने लोगों से अपील की है कि वह ऐसे लोगों के झांसे में आकर फर्जी कार्ड ना बनवाएं। अगर लोगों को सही कार्ड बनवाना है तो सरकार की तरफ से चलाए जा रहे कामन सर्विस सेंटर पर आकर बनवाए। उन्होंने बताया कि उक्त कार्ड बनवाने के लिए सिर्फ सरकारी फीस तीस रूपये लगती है। अगर कोई भी व्यक्ति इस फीस से ज्यादा लेता है तो उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है