व्यापार करना, मतलब सरकारी मकड़जाल में फंसना: व्यापार मंडल
अमित कपूर ने कहा कि व्यापार करना और उघोग लगाने का मतलब सरकारी मकड़जाल में पूरी तरह उलझ जाना साबित हो रहा है।
जागरण संवाददाता, बठिडा: पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की बैठक में व्यापारियों ने कि व्यापारी व उद्योगपतियों पर जितने कानून सरकार ने लगा रखे हैं, उतने कानून तो डकैतों, आंतकवादी, नक्सलियों पर भी नहीं लगते। इस मौके पर प्रधान अमित कपूर ने कहा कि व्यापार करना और उघोग लगाने का मतलब सरकारी मकड़जाल में पूरी तरह उलझ जाना साबित हो रहा है। वहीं व्यापार और उद्योग बंद करने के बाद भी मकड़जाल से निकलना इतना आसान नहीं है। व्यापार शुरू करने से पहले दुनिया भर के लाइसेंस आदि बनवाना, फिर हर साल उनका रिन्यूअल करवाना, हर महीने, तिमाही, सालाना बहुत सी रिर्टन भरना फिर उनका अससमेंट करवाना, गलत डिमांड निकालने पर अपील करना आदि के कारण व्यापारी परेशान रहते हैं। जितना ध्यान सरकारी नियमों को पूरा करने में लगाना पड़ता है, उतना समय शायद ही व्यापार व उद्योग में लग पाता है।
उन्होंने बताया कि हर एक दो साल में सरकार सरलीकरण के नाम पर नए-नए फार्म लाती रहती है, जिनको समझने व भरने के लिए वकीलों, कंसलटेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जबकि सरकार सरलीकरण के नाम पर व्यापारियों का शोषण करती है। सरकार आत्म निर्भरता व स्वदेशी पर बड़ी-बड़ी संगोष्ठियों व भाषणों पर करोड़ों खर्च कर रही है। मगर अब समय आ गया है कि व्यापारी एक मंच पर आएं। कपूर ने कहा कि पिछले लंबे समय से किसी भी राजनीतिक दल ने कभी भी व्यापारियों का दिल से साथ नहीं दिया। यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां हमेशा चुनाव आने पर बड़े-बड़े दावे करने लगती हैं, जैसे कभी पहले चुनाव हुए ही न हो। ये आज व्यापारियों को अपने दिल व दिमाग से सोचने की आवश्यकता है। अपनी मांगों के लिए सभी को एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना होगा।