बरनाला का सु¨रदर खत्री फौज में गुरु बनकर दे रहा बेटियों को प्रशिक्षण
्र बरनाला : बरनाला से रिटायर्ड सूबेदार कुलवंत खत्री के बेटे सु¨रदर खत्री कोड
संवाद सहयोगी, बरनाला :
बरनाला से रिटायर्ड सूबेदार कुलवंत खत्री के बेटे सु¨रदर खत्री कोडा गांव में तैनात आइटीबीपी 41 बटालियन में कमांडेंट के साथ साथ खुद ही गुरु बनकर बेटियों को आगे बढ़ने की शिक्षा दे रहे हैं। उनको जब भी समय मिलता है वह स्कूल में टीचर बन जाते हैं व खेल ग्राउंड में आते ही वह एक कोच बन जाते हैं, जहां वह खिलाड़ियों को खूब ट्रे¨नग देते हैं। गौर हो कि कुछ माह पहले ही उन्होंने अपने को सीओबी को आस-पास के गांव की बेटियों को बास्केटबॉल के लिए चुना व खेल के बेसिक सिखाए और राजनांदगांव में हुए एक स्पेशल कैप में 20 बेटियों को ट्रे¨नग के लिए भेजा गया, जहां कुछ दिन बाद ही कैंप में 10 बेटियों का सिलेक्शन हो गया। वह अब राजनांदगांव में नामी स्कूलों में हॉस्टल में रहकर शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, साथ ही खेल की बारीकियां समझ रही हैं। इससे वह अपने प्रदेश और देश के लिए खेलने को तैयार हो सके। कमांडेंट खत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही इन बेटियों की विदाई दी गई। जिला बरनाला का एक ही परिवार विगत 28 वर्षों से देश के दुश्मनों को देश से निकालने व देश रक्षा के लिए फौज में तैनात है। जहां एक तरफ कमांडेंट खत्री अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रहा है, वही जिला बरनाला का भी नाम रोशन कर भारत का गौरव बढ़ा रहा है। बरनाला से रिटायर्ड सूबेदार कुलवंत खत्री ने कहा कि वह खुद भी 1963 से फौज में देश रक्षा के लिए तैनात रहे है व जनवरी 1991 में रिटायर्ड हो चुके है। उन्होंने कहा कि उनके दोनों बेटे भी फौज में ही है। उसमें उनका बड़ा बेटा सुख¨वदरपाल खत्री जो 1988 से बीएसएफ तरीपूरा में डिप्टी कमांडेंट व छोटा सु¨रदर खत्री कोडागांव में 1993 से तैनात आइटीबीपी 41 बटालियन में कमांडेंट है।