प्यासे को पानी पिलाने के बाद मिलती है संतुष्टि

अमनदीप राठौड़ बरनाला दुनिया में बहुत से समाज सेवीं हैं जो दूसरों की किसी न किसी तरह से सेवा करना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 05:09 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 06:13 AM (IST)
प्यासे को पानी पिलाने के बाद मिलती है संतुष्टि
प्यासे को पानी पिलाने के बाद मिलती है संतुष्टि

अमनदीप राठौड़, बरनाला : दुनिया में बहुत से समाज सेवीं हैं जो दूसरों की किसी न किसी तरह से मदद करते हैं, लेकिन बरनाला का एक समाज सेवीं ऐसा भी है जो लोगों को 35 वर्षों से निरंतर मिट्टी के घड़ों में पानी भरकर पिलाने की सेवा करता आ रहा है। गर्मी के चलते किसी न किसी काम के लिए सिविल अस्पताल बरनाला या किसी और काम को आने वाले लोगों को यह समाज सेवी ठंडा पानी पिलाकर एक तो उनकी प्यास बुझा रहा है, वहीं पानी पीने के बाद लोग इस समाज सेवीं को खूब दुआएं देते हैं व उनकी तारीफ करते हैं। यह समाज सेवीं बरनाला निवासी जगमेल हैं, जो गर्मी में सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक लोगों को पानी पिलाते हैं।

जगमेल ने बताया कि यह बात 1985 की है जब उसने गर्मी से बेहाल होकर पानी के लिए भटक रहे लोगों को देखा। फिर उसने घर में बैठकर सोचा कि वह लोगों को ठंडे पानी के लिए परेशान नहीं होने देगा, उसने मिट्टी के सात घड़े लिए, जिनको वह सुबह छह बजे उठकर सिविल अस्पताल से भरकर लाता था व सिविल अस्पताल के समक्ष ही एक जगह पर रख देता था, ताकि आने जाने वाले लोग ठंडा पानी पीकर अपनी प्यास बुझा सके। इसके बाद उनकी तरफ से टूटी लगवाकर वहां ही मिट्टी के घड़ों को भरना शुरू कर दिया, क्योंकि आयु के कारण दूर से घड़े भरने में मुश्किल होती थी। उन्होंने कहा कि यूं तो वह हलवाई का काम करता है, अगर काम हो तो उसके बाद उनके परिवार के सदस्य पानी पिलाने की सेवा अदा करते हैं। अगर कोई भी व्यक्ति पानी पीने के बाद कोई श्रद्धा देता है तो उन रुपयों को एकत्र कर लिया जाता है। जिसके बाद हर वर्ष उनकी तरफ से मीठे चावल व गुलगुलों का लंगर लगाया जाता है, लोगों के रुपयों का यूं कह लीजिए कि भंडारा ही चलाया जाता है। उन्होंने कहा कि मिट्टी के घड़े के पानी की एक खासियत यह भी है कि इसमें पानी एक तो शुद्ध रहता है, दूसरा ठंडा रहता है। उन्होंने कहा कि चिलचिलाती गर्मी में लोग पानी पीने के बाद उनको ढेर सारी दुआएं देते हैं, बस यही दुआएं वह लोगों से लेने के लिए वह सेवा करता है, क्योंकि यह दुआएं रुपयों से नहीं खरीदी जा सकती। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी सांसे चलेंगी वह लोगों की सेवा इसी तरह करता रहेगा। जगमेल की सेवा सराहनीय है : अमरचंद

बरनाला निवासी अमरचंद ने कहा कि जगमेल गर्मी में लोगों को ठंडा पानी पिलाकर बेहद पुण्य वाला काम कर रहा है। जिनकी जितनी तारीफ की जाए कम हैं। उन्होंने कहा कि जगमेल राम की सेवा को देखते हुए बरनाला प्रशासन द्वारा उनका विशेष रुप से सम्मान करना चाहिए ताकि उनका हौंसला बढ़ सके। क्योंकि यह एक अनोखी ही सेवा है।

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