ढिलवां के स्कूल में आधे से कम स्टाफ, फिर भी किए जा रहे ट्रांसफर

बरनाला जिले के गांव ढिल्लवां के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में स्टाफ की कमीे का किया विरोध।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 07:54 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 06:37 AM (IST)
ढिलवां के स्कूल में आधे से कम स्टाफ, फिर भी किए जा रहे ट्रांसफर
ढिलवां के स्कूल में आधे से कम स्टाफ, फिर भी किए जा रहे ट्रांसफर

जागरण संवाददाता, बरनाला : गांव ढिलवां के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिसिपल सहित 23 पद खाल पड़े हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है, जिसको लेकर आसपास की छह ग्राम पंचायत, किसान संगठनों व विद्यार्थियों के अभिभावकों सहित गांव निवासियों व विद्यार्थियों ने रोष के तौर पर स्कूल के मुख्य दरवाजे को ताला लगा स्कूल के बाहर धरना लगा कर प्रदेश सरकार, डीसी बरनाला व शिक्षा विभाग खिलाफ नारेबाजी कर रेष प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों में से किसान संगठन के नेता रूप सिंह ढिलवां, बूटा सिंह बराड़, समाज सेवी कुलविन्दर सिंह, ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि राजविंदर कौर ढिलवां सरपंच, लखविंदर सिंह लक्खा, जोगिन्द्र सिंह बराड़, कर्मजीत सिंह, जसविन्दर कौर, गुरजंट सिंह, गुरमेल सिंह ढिलवां, गुलाब सिंह, सतविंदर सिंह नंबरदार, नाहर सिंह नंबरदार, इकबाल सिंह व चमकौर सिंह सोसायटी प्रधान व सुखविन्दर सिंह ढिलवां ने बताया कि गांव में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 47 जरूरी पदों में से 24 पदों के साथ ही काम चलाया जा रहा है। जब कि स्कूल में प्रिसिपल सहित 11वी, 12वीं के लिए जरुरी सात लेक्चरर की समूह असामियां खाली हैं। जिस कारण पढ़ाई के आधे सैशन के पूरा हो जाने के बाद भी स्कूल में खाली पदों का हाल दिन-ब-दिन बुरा होता जा रहा है, क्योंकि अगस्त में स्कूल के प्रिसिपल भी तबादला कर दिया गया। उन्होंने बताया कि खाली पदों संबंधी शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों सहित डीसी बरनाला को भी लिखित रूप में पत्र दिया, परन्तु समस्या का समाधान नहीं हुआ। जिस कारण उन्होंने सोमवार को मजबूरी में रोष धरना दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मसला जल्द हल नहीं किया तो सड़क जाम करने के साथ डीसी बरनाला के दफ्तर का घेराव किया जाएगा। जिसके जिम्मेवार प्रशासन होगा।

उधर, इस रोष धरने के बारे पता लगते ही थाना सिटी इंचार्ज बलविन्दर कौर अपनी पुलिस पार्टी सहित मौके पर पहुंचे। इस रोष धरने में शमूलियत करने वाले विद्यार्थियों का कहना था कि स्कूल में लेक्चरर नहीं होने के कारण 11वीं, 12वीं के विद्यार्थी तो पहले भी फ्री बैठ कर चले जाते हैं। उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द स्कूल में खाली पदों को भर कर सरकार अपने वायदे पूरे करें, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुक्सान होने से बच सकें। प्रदर्शनकारी सुखविन्दर सिंह ढिलवां ने कहा कि अगर जिला शिक्षा अधिकारी के किए ऐलान को आने वाले शनिवार तक पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष की बड़ी रूप रेखा तय की जाएगी यह कहना है स्कूल इंचार्ज का

इस संबंधी स्कूल में आरजी इंचार्ज के तौर पर लगाए दलजीत सिंह ने बताया कि स्कूल में कुल 582 विद्यार्थी हैं, जिनके लिए शिक्षा विभाग ने 47 पदों का ऐलान किया हुआ है, परन्तु अब स्कूल में 24 अध्यापक हैं। जबकि 33 पीरियड से ऊपर पीरियड लगा कर विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। उनहोंने कहा कि विगत दिनों दो अध्यापक डेपूटेशन पर गंगोहर व मल्लियां से स्कूल में भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि किरत मुखी कोर्सों संबंधी तो कुछ विषयों को अध्यापक पढ़ाते हैं, परन्तु 11वीं, 12वीं के आ‌र्ट्स ग्रुप व किरत मुखी विषयों के अंग्रेजी, पंजाबी व अन्य विशेष विषयों वाले लेक्चररों की कमी है। जिसके लिए शिक्षा विभाग से मांग की गई है, जिन्होंने जल्द पदों पूरा करने का भरोसा जताया है।

उधर प्रदर्शनकारियों को शांत व लोगों के साथ बात करने के लिए डीईओ सर्बजीत सिंह तूर स्कूल में पहुंचे। जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को विश्वास दिलाया कि स्कूल में तीन अध्यापक व तीन दिन के लिए अतिरिक्त चार्ज के लिए नजदीक के गांव घुन्नस की प्रिसिपल नीरजा बांसल को भेजा जाएगा, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शिक्षक की कमी के बाद भी तीन का किया ट्रासफर

स्कूल में विगत दिनों चार अध्यापकों ने अपने तबादले के लिए प्रदेश सरकार की साइट पर आनलाइन अप्लाई किया था, जबकि विभाग की नीति के अनुसार संबंधित स्कूल प्रिसिपल की लिखित सहमति के बगैर तबादले की मांग करने वाले अध्यापक का तबादला नहीं हो सकता, परन्तु ढिलवां स्कूल में से विभाग की आनलाइन साइट ने प्रिसिपल के उक्त न की अनदेखी करके चार में से तीन अध्यापकों के तबादले कर दिए, जबकि एक अध्यापक का तबादल रुका है। प्रिसिपल भी इसी कारण ही यहां से परेशान होकर अपने आदेशों की अनदेखी कारण तबादला करवाया गया, कि स्कूल में स्टाफ 50 प्रतिशत परन्तु सरकार को नतीजे 100 प्रतिशत चाहिएं। सरकार व शिक्षा विभाग की नीतियां बुरी तरह फेल ढिलवां

टेट पास बेरोजगार बीएड अध्यापक यूनियन पंजाब के सूबा प्रधान सुखविन्दर सिंह ढिलवां ने कहा कि पंजाब सरकार बुरी तरह फेल साबित हो रही है, जहां सरकार की शर्तों अनुसार बड़ी स्तर पर अध्यापक टैट जैसी परीक्षा भी पास करने के बावजूद नौकरी को तरस रहे हैं, वहीं स्कूलों में अध्यापकों की कमी कारण पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। जिस कारण सरकार की शिक्षा नीति के दावे फेल साबित हो रहे हैं।

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