गले में स्टेथोस्कोप टांगकर जीएनडीएच में खड़ा था निजी लैब का का¨रदा

अमृतसर गले में स्टेथोस्कोप टांगकर घूमने वाला हर शख्स डॉक्टर नहीं होता।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 09:53 PM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 09:53 PM (IST)
गले में स्टेथोस्कोप टांगकर जीएनडीएच में खड़ा था निजी लैब का का¨रदा
गले में स्टेथोस्कोप टांगकर जीएनडीएच में खड़ा था निजी लैब का का¨रदा

जागरण संवाददाता, अमृतसर

गले में स्टेथोस्कोप टांगकर घूमने वाला हर शख्स डॉक्टर नहीं होता। गुरु नानक देव अस्पताल में एक ऐसे ही शख्स को सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ा है जो गले में स्थेटोस्कोप पहनकर घूम रहा था। असल में यह शख्स एक निजी लेबोरेट्री का का¨रदा था, जो खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों को अपनी लैब में टेस्ट करवाने के लिए भेज रहा था।

यह का¨रदा बुधवार को अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में खड़ा था। गले में स्थेटोस्कोप था, इसलिए आने जाने वाले लोग उसे डॉक्टर समझ रहे थे। उसे यह मालूम न था कि अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल हो चुके हैं और इसकी स्क्रीन मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल के कमरे में लगी है। डॉ. सु¨रदर पाल ने इस शख्स को स्क्रीन पर देखा। पहले तो उन्होंने सोचा कि शायद कोई इंटर्नी होगा, लेकिन जब उन्होंने स्टाफ को बुलाकर स्क्रीन दिखाई तो पता चला कि यह अस्पताल का डॉक्टर नहीं है। इसके बाद डॉ. सु¨रदर पाल इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। उन्होंने इस शख्स से पूछा तो वह हड़बड़ा गया। वरिष्ठ अधिकारी को अपने सामने अचानक देखकर उसकी घिग्गी बंध गई। वह हाथ जोड़ने लगा। डॉ. सु¨रदर पाल ने उससे पूछताछ की तो बताया कि वह मजीठा रोड स्थित एक निजी लेबोरेट्री में काम करता है। अस्पताल में इसलिए आया है ताकि यहां आने वाले मरीजों को अपनी लैब तक ले जा सके।

मेडिकल सुप¨रटेंडेंट ने पुलिस को बुलाने की बात कही तो यह शख्स गिड़गिड़ाने लगा। बाद में डॉ. सु¨रदर पाल ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया।

इसी तरह बुधवार को दो और का¨रदों को पकड़ा गया। ये का¨रदे भी मरीजों को अपने-अपने मेडिकल स्टोर्स से दवाएं खरीदने के लिए मजबूर कर रहे थे।

मेडिकल सुप¨रटेंडेंट ने कहा कि अस्पताल की सुरक्षा के लिए जोजो कंपनी के कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी इंस्टॉल किए गए हैं। अब कोई भी इन कैमरों व सुरक्षा कर्मचारियों की नजर से बच नहीं सकेगा। डॉक्टरों के बुलावे पर अस्पताल आ रहे हैं का¨रदे

इन तीनों का¨रदों से पूछताछ में स्पष्ट हुआ है कि ये गुरु नानक देव अस्पताल के कुछ वरिष्ठ डॉक्टरों के बुलावे पर अंदर आ रहे हैं। इससे साफ है कि सरकारी डॉक्टर इनसे कमीशन ले रहे हैं। लेबोरेट्री व मेडिसिन शॉप के का¨रदों का इस तरह अस्पताल में आना और मरीजों को अपनी लैब अथवा शॉप पर ले जाना गलत है। मरीजों से प्राप्त राशि का एक बड़ा हिस्सा डॉक्टरों की जेब तक पहुंच रहा है। दुखद पहलू यह है कि कोई सबूत न होने की वजह से अस्पताल प्रशासन इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा। कार्रवाई की जाएगी: सतीश चंद्रा

स्वास्थ्य विभाग के सचिव सतीश चंद्रा ने कहा कि गले में स्टेथोस्कोप पहनकर अस्पताल में घुसने वाले निजी लैब के का¨रदे के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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