निगम कार्यालय में Vigilance team की दबिश, सिद्धू के करीबियों की 23 फाइलें गायब

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिंह और पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू सिद्धू के बीच चल रही खींचतान के बीच गुरुनगरी में विजिलेंस टीम की जांच जारी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 30 Jun 2019 09:33 AM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2019 05:18 PM (IST)
निगम कार्यालय में Vigilance team की दबिश, सिद्धू के करीबियों की 23 फाइलें गायब
निगम कार्यालय में Vigilance team की दबिश, सिद्धू के करीबियों की 23 फाइलें गायब

जेएनएन, अमृतसर। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिंह और पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू सिद्धू के बीच चल रही खींचतान के बीच गुरुनगरी में विजिलेंस टीम की जांच जारी है। हालांकि विजिलेंस टीम शनिवार को नगर सुधार ट्रस्ट के कार्यालय में नहीं गई, लेकिन सूत्र बताते हैैं कि शुक्रवार को ट्रस्ट आफिस में हुई जांच के दौरान ट्रस्ट की 23 ऐसी फाइलें गायब मिलीं जो सिद्धू के नजदीकियों से संबंधित हैैं। इन लोगों को शहर में कई प्रोजेक्ट पर काम अलॉट किया गया था। जिसका रिकॉर्ड अब गायब है। 

उधर, छुट्टी वाले दिन शनिवार को निगम कार्यालय पहुंची टीम ने निगम अधिकारियों को तलब किया। बताया जा रहा है कि विजिलेंस टीम ने निगम अधिकारियों से पिछले दो साल के बजाय पांच साल का रिकॉर्ड शुक्रवार तक उपलब्ध करवाने के लिए कहा था, परंतु अधिकारी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करवा पाए।

सूत्रों के अनुसार इसके बाद शनिवार को डीएसपी विजिलेंस (गुरदासपुर) कमलदीप कौर पुरेवाल के नेतृत्व में जांच करने पहुंची टीम नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यकाल के प्रोजेक्टों के रिकार्ड की फोटोकापी करवाकर अपने साथ ले गई है। वहीं, विजिलेंस के एसएसपी आरके बख्शी ने इस मामले में ज्यादा जानकारी देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि जांच अभी जारी है।

निगम से जुटाया होटलों व गेस्ट हाउस का विवरण

विजिलेंस टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में बनी कालोनियों सहित श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास बने होटलों व गेस्ट हाउस का विवरण भी जुटाया। जिसे लेकर आरोप लगते रहे हैैं कि एमटीपी विभाग एवं राजनीतिक प्रभाव में अवैध होटलों का निर्माण करवाया गया।

ट्रस्ट के इस रिकार्ड की विजिलेंस को नहीं मिली फाइलेें

वल्ला में श्मशानघाट बनाने के लिए 27.80 लाख रुपये जारी हुए। श्मशानघाट बनाए बगैर ठेकेदार को पेमेंट की गई। जीएंडजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को विकास कार्यों का ठेका दिया गया, लेकिन यह कंपनी रजिस्टर्ड ही नहीं है। ग्रीन फील्ड स्थित मंगलम इंटरप्राइजेज को 500 रुपये प्रति होर्डिंग के हिसाब से ठेका अलॉट किया गया। जिसे कंपनी ने प्रति होर्डिंग 23 हजार रुपये की दर से आगे दे दिया। रंजीत एवेन्यू में एक महिला को अलॉट दो बूथों को इस महिला आगे किराए पर दे दिया।

नवजोत कौर बोलीं- दबाव की बात गलत 

इस संबंध में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी व पूर्व सीपीएस डॉ. नवजोत कौर सिद्धू का कहना है कि सभी विभागों की विजिलेंस जांच होनी चाहिए। इससे अधिकारियों के कार्य में पारदर्शिता आएगी। सरकार द्वारा विजिलेंस के जरिए कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा।

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