नवजोत सिद्धू बोले, शहरी क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ हो तारबंदी

पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में रेलवे ट्रै‍क के दोनों आेर घेराबंदी की जाए। उन्‍होंने इस संबंध में रेल मंत्री को पत्र लिखा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 26 Oct 2018 12:12 PM (IST) Updated:Fri, 26 Oct 2018 12:12 PM (IST)
नवजोत सिद्धू बोले, शहरी क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ हो तारबंदी
नवजोत सिद्धू बोले, शहरी क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ हो तारबंदी

जेएनएन, अमृतसर/चंडीगढ़। जौड़ा रेल फाटक हादसे के बाद रेल ट्रैक पर सियासत की रेल दौड़ने लगी है। अब स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर उत्तर भारत में रेल हादसों में मारे गए लोगों के विषय में जानकारी दी है। उन्होंने मांग की है कि शहरी क्षेत्रों में ट्रैक के दोनों तरफ तारबंदी कर ट्रैक पर लोगों का प्रवेश निषेध किया जाए।

रेल ट्रैक पर दौड़ने लगी सियासत की ट्रेन, सिद्धू ने लिखा रेल मंत्री को पत्र

पत्र में सिद्धू ने लिखा है कि उत्तर भारत में रेल दुर्घटनाओं के चलते 50 हजार मौतें हो चुकी हैं जोकि बेहद चिंताजनक है। हमें सामूहिक रूप से मनुष्य जीवन बचाने के लिए उचित उपाय करने होंगे। इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। इस प्रकार की नियमित रूप से हो रही दुर्घटनाएं सबक हैं और हमें पश्चाताप की बजाय इन्हें रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।

सिद्धू ने यह मांग तब की है जब अमृतसर में उनके विधानसभा क्षेत्र में दशहरे वाले दिन रेल हादसे में 62 लोगों की मौत हो गई, जबकि सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। सिद्धू ने कहा कि रेलवे ट्रैक के साथ लगते शहरी इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। घनी आबादी वाले क्षेत्रों के नजदीक स्थित रेल ट्रैक के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि आरपीएफ तथा जीआरपी यहां नियमित रूप से गश्त करे।

सिद्धू ने कहा है कि रेलवे ट्रैक की नियमित रूप से जांच की जाए। देश में अभी भी कई मानव रहित रेलवे क्रॉङ्क्षसग हैं। ऐसे रेलवे क्रॉङ्क्षसग को उन्नत उपकरणों से लैस किया जाए, ताकि रेल आने से पहले लोगों को अलर्ट मिलता रहे।

सिद्धू ने कहा कि मुंबई-पुणे राजमार्ग फेंसिंग (तारबंदी) का बड़ा उदाहरण है। इसी प्रकार की फेंङ्क्षसग संवेदनशील रेलवे ट्रैक की दोनों तरफ भी होनी चाहिए। इस काम में यदि पंजाब सरकार की सहायता चाहिए तो वह भी रेलवे को देने को तैयार है, बशर्ते रेलवे विभाग बात करे।

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