आयुष्मान कार्ड लेकर निजी अस्पतालों में भटकता रहा मरीज, नहीं मिला उपचार

आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना दम तोड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Sep 2020 11:15 PM (IST) Updated:Thu, 17 Sep 2020 11:15 PM (IST)
आयुष्मान कार्ड लेकर निजी अस्पतालों में भटकता रहा मरीज, नहीं मिला उपचार
आयुष्मान कार्ड लेकर निजी अस्पतालों में भटकता रहा मरीज, नहीं मिला उपचार

जागरण संवाददाता, अमृतसर : आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना दम तोड़ रही है। एक महिला को जिले के चार निजी अस्पतालों में इस कार्ड के माध्यम से उपचार की सुविधा नहीं मिली।

सामाजिक कार्यकर्ता जयगोपाल लाली व सुधीर सूरी ने बताया कि कटरा कर्म सिंह की रहने वाली निर्मला देवी को सीने में में दर्द हुआ। परिजन उन्हें हरीपुरा स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। परिजनों ने आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना का कार्ड अस्पताल प्रबंधन को दिखाया तो जवाब मिला कि कोरोना काल में यह कार्ड नहीं चलेगा। इलाज करवाना है तो पैसे जमा करवाओ। बेबस परिवार ने 5000 रुपये जमा करवाए गए। कुछ देर बार निर्मला की हालत बिगड़ गई। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि वह मरीज को किसी और अस्पताल ले जाए। निर्मल को माल रोड स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां भी बीमा योजना का कार्ड स्वीकार नहीं किया गया।

परिजनों ने गुरुनानक देव अस्पताल में संपर्क किया तो पता चला कि दिल का इलाज करने वाला कोई भी सीनियर डॉक्टर नहीं है। निर्मला को लेकर बटाला रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया, पर उन्होंने भी इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं के यहां पहुंचने से अस्पताल में इलाज शुरू हुआ। लाली ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण ही ऐसे ही कई योजनाएं दम तोड़ गई हैं। अस्पतालों से की जाएगी जवाबतलबी

इस संबंध में बीमा योजना के कोऑर्डिनेटर हरप्रीत सिंह का कहना है कि वह टीम भेजकर मरीज से बात करेंगे और संबंधित अस्पतालों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। वहीं कार्यकारी सिविल सर्जन डॉ. अमरजीत सिंह ने कहा कि सरबत सेहत बीमा योजना कार्ड पर इलाज न करने वाले अस्पतालों के संचालकों से जवाबतलबी की जाएगी।

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