घुटता है दम—दम.. पटाखों के धुएं से पर्यावरण बेदम

जला लिए पटाखे? फूंक डाले करोड़ों? दीपावली और इससे एक दिन पूर्व पर्यावरण को जो क्षति पहुंचाई उसकी भरपाई कौन करेगा? अमृतसर में दीपावली की रात और 13 नवंबर को खूब आतिशबाजी हुई। अमृतसर का वायुमंडल पटाखों के धुएं से कराह उठा है। धुएं की ऐसी परत फैली कि सांस लेना दूभर हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Nov 2020 07:07 PM (IST) Updated:Mon, 16 Nov 2020 12:29 AM (IST)
घुटता है दम—दम.. पटाखों के धुएं से पर्यावरण बेदम
घुटता है दम—दम.. पटाखों के धुएं से पर्यावरण बेदम

नितिन धीमान, अमृतसर : जला लिए पटाखे? फूंक डाले करोड़ों? दीपावली और इससे एक दिन पूर्व पर्यावरण को जो क्षति पहुंचाई, उसकी भरपाई कौन करेगा? अमृतसर में दीपावली की रात और 13 नवंबर को खूब आतिशबाजी हुई। अमृतसर का वायुमंडल पटाखों के धुएं से कराह उठा है। धुएं की ऐसी परत फैली कि सांस लेना दूभर हो गया।

पटाखों के धुएं ने अमृतसर के पर्यावरण को बुरी तरह हानि पहुंचाई। शहर का एक्यूआइ यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 395 तक जा पहुंचा। हवा में घुला यह जहर इतना खतरनाक है कि इंसान की सांसें थम सकती हैं। विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आंखों में जलन, त्वचा पर खुजली जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। दरअसल, दीपावली से एक दिन पूर्व यानी शुक्रवार सुबह से शनिवार सुबह तक शहर का एक्यूआइ 190 था। यह भी काफी नुकसानदेह था, लेकिन शनिवार को दीवाली के दिन इसमें अप्रत्याशित ढंग से उछाल आया। शाम चार बजे तक यह 395 रिकार्ड किया गया। इतना एक्यूआइ दिल्ली जैसे प्रदूषित शहर में रिकार्ड किया जाता है। अब अमृतसर में ऐसी स्थिति बनी है तो बेहद चिताजनक है। लाकडाउन व क‌र्फ्यू में 55 से 60 तक सिमट गया था

कोरोना काल में लाकडाउन व क‌र्फ्यू लगाकर सरकार ने लोगों को घरों पर रहने की हिदायत की थी। तब शहर का एक्यूआइ 55 से 60 तक सिमट गया था। यह माड्ररेट था और इंसानी जीवन के लिए लाभप्रद भी। हवा साफ थी। तारामंडल दिखाई देने लगा था। बादलों के टुकड़े दिखने लगे। दीपावली की आतिशबाजी ने हवा को जहरीला बना दिया है। करियाना की दुकानों पर बिके पटाखे

शहर में पटाखों का अवैध कारोबार जमकर चला। पटाखा फैक्ट्री के नाम से कुख्यात अन्नगढ़ क्षेत्र में पटाखों का उत्पादन पूर्ववत ही जारी रहा। शासन प्रशासन की कोई रोक टोक नहीं थी। ये अवैध पटाखे अंदरूनी शहर व बाइपास एरिया में खूब बिके। खास बात यह है कि करियाना की दुकानों पर भी अवैध पटाखे बिके। हालांकि पुलिस ने कई स्थानों पर छापामारी की, पर दुकानदारों ने पटाखे दुकान की बजाय घर में रखे थे और बेचते रहे। धुआं—धुआं थी चारों दिशाएं

पटाखे चलाने की मिली दो घंटे की सरकारी छूट का नाजायज फायदा उठाया गया। दीपावली की शाम छह बजे से आतिशबाजी शुरू हो गई। तब ऐसा लगा शायद लोग जागरूक हैं, क्योंकि पटाखों का शोर कम था, लेकिन रात दस बजे के बाद जब आतिशबाजी की छूट खत्म हो गई, तब यही कथित जागरूक लोग धमाके पर धमाका करने लगे। रात दो बजे शहर धमाकों से थर्रा उठा। सुबह चारों दिशाएं धुआं धुआं थीं।

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